अब गांव के लोग पिएंगे मिनरल वाटर

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‌‌‌-आर्सेनिक प्रभावित गांवों के लिए शुरू हुई विशेष योजना
बक्सर खबर। वैसे गांव जो आर्सेनिक से प्रभावित हैं। उनके घरों तक सरकार मिनरल वाटर पहुंचाएगी। इस योजना पर तेजी से काम हो रहा है। पहले चरण में बक्सर, सिमरी और ब्रह्मपुर प्रखंड के पन्द्रह पंचायतों को इससे जोड़ा जाएगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 की समाप्ति तक कुछ पंचायतों में इसकी आपूर्ति प्रारंभ हो जाएगी। सरकार इसके लिए वाटर ट्रिटमेंट प्लांट लगा रही हैं। पंचायत स्तर पर प्रत्येक वार्ड में यह योजना प्रभावी ढंग से लागू हो। इसका जिम्मा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को सौंपा गया है। जिसके तहत टेंडर कराकर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

अधिकारियों की माने तो इसके लिए दो तरह के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। क्वालिटी व नन क्वालिटी। अर्थात ऐसे गांव जहां आर्सेनिक का प्रभाव ज्यादा है। उनके लिए अगल मशीन लगेगी। जहां कम है, उसके लिए अलग मशीन। जिन पन्द्रह पंचायतों में कार्य शुरू हुआ है। उनमें दलसागर का नाम पहला है। वहां माडल प्रोजेक्ट के तहत आपूर्ति की जानी हैं। इसके अलावा राजपुर, कठार, मझवारी, पड़री, चुरामनपुर, नयका भोजपुर, चना, भरियार, ढ़काइच में काम प्रारंभ हो चुका है।
लगेंगे 10 व 12 हजार लीटर क्षमता के संयंत्र
बक्सर बक्सर। जिस पंचायत का चुनाव आर्सेनिक प्रभावित इलाके के रुप में हुआ है। उनमें प्रत्येक वार्ड को चिहि्नत कर अलग संयत्र लगाया जा रहा है। जिसकी क्षमता 10 से 12 हजार लीटर प्रतीदिन की होगी। जिस वार्ड में 150 से अधिक घर होंगे। वहां 12 एवं जहां उससे कम आबादी होगी। वहां 10 हजार लीटर क्षमता का संयंत्र लगाया जाएगा। इसके लिए बोरिंग के स्थान पर उंचा टावर भी बनाया जा रहा है। जिससे जल की आपूर्ति आसानी से हो सके।

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पांच वर्ष करनी होगी देखभाल
बक्सर खबर। नज जल योजना की शिकायतें आम हैं। इस लिए विभाग द्वारा जो कार्य कराया जा रहा है। उसमें संवेदक को पांच वर्ष तक इसकी देखभाल का जिम्मा दिया जाएगा। टेंडर में इस सर्त का उल्लेख कर दिया गया है। पाइप लाइन बिछाने में प्लास्टिक पाइप का इस्तेमाल होगा। लेकिन, जहां घरों में कनेक्शन दिया जाएगा। वहां लोहे के पाइप लगेंगे। पांच वर्षों तक आपूर्ति बाधित होने पर संवेदक ही उसकी मरम्मत करेंगे।
भूमि के कारण आ रही है अड़चन
बक्सर खबर। इस योजना का काम कर रहे संवेदक पूछने पर बता रहे हैं कि भूमि को लेकर परेशानी सामने आ रही है। जहां वाटर टावर बनना है अथवा बोरिंग किया जाना है। उसके लिए सरकारी भूमि चिहि्नत है। लेकिन, उन स्थानों पर अतिक्रमण है। प्रशासनिक सहयोग मिलने में हो रही देरी के कारण योजना का कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं कुछ जगह पंचायत प्रतिनिधि भी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। बार-बार कोई न कोई कारण बता। संवेदक को परेशान कर रहे हैं। क्योंकि विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्य की वजह से उनको कोई लाभ नहीं मिल रहा। जिसकी खीझ वे संवेदक को परेशान कर निकाल रहे हैं।
पानी की होनी है जांच, चार सौ फिट गहरा हो रहा है बोरिंग
बक्सर खबर। जैसा की सभी लोग जानते हैं। हर गांव में भूमिगत जल का स्तर अलग-अलग होता है। साथ ही पानी की क्वालिटी में भी अंतर होता है। ऐसी स्थिति में विभाग ने हर जगह पानी का नमुना ले उसकी जांच कराने का निर्देश दिया है। जहां आर्सेनिक का जितना प्रभाव होगा। उसी हिसाब से वहां विभाग मशीन उपलब्ध कराएगा। जिससे शुद्ध पेजयल ग्रामीणों को उपलब्ध कराया जा सके।
कहते हैं अधिकारी, जल्द शुरू होगी आपूर्ति
बक्सर खबर। पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता परमानंद प्रसाद ने कहा कि पन्द्रह पंचायतों में फिलहाल काम शुरू हुआ है। जिस वार्ड में मशीन लगाने और पाइप बिछाने का कार्य पूरा हो गया है। वहां जल्द ही आपूर्ति भी शुरू कर दी जाएगी। पानी स्वच्छ और शुद्ध हो, इसके लिए सिर्फ मशीन ही नहीं, 400 फिट बोरिंग तथा उच्च गुणवत्ता के पाइप का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।

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