बक्सर खबर। किसानों को ऐसा बीज मिलेगा। जिससे तैयार फसल सबसे अलग होगी। मिलने वाला गेहूं लोगों को कुपोषण से बचाएगा। यह दावा आज सोमवार को कृषि पर आयोजित कार्यशाला में भारतीय और अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किया। चौसा प्रखंड के चौबे की छावनी में इसका आयोजन रत्नागिरी सीड्स द्वारा कराया गया था। हार्वेस्ट प्लस संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर रविंद्र गिरी ने इस गेहूं के किस्म की खास विशेषताओं से आए हुए किसानों को अवगत कराते हुए कहा कि इस गेहूं से बने रोटी या अन्य उत्पाद के सेवन करने से लोगों को पूर्ण पोषण मिलेगा। इसमें आयरन और जिंक की मात्रा 4 से 5 गुना अन्य गेहूं के अपेक्षा ज्यादा है।
जिसे कुपोषण के शिकार हो रहे लोगों को खास ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसके सेवन से कुपोषण से होने वाले सभी बीमारियों से बचा जा सकता है। पेंग विलिंघम ने सभी किसानों को अंग्रेजी में संबोधित करते हुए अभिवादन के साथ इस प्रजाति के फायदे के बारे में बताया जिसका अनुवाद हिंदी में करके हार्वेस्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रविंद्र गिरी द्वारा किसानों को सुनाया गया। मंच संचालन रत्नागिरी सीड्स फॉर्म के डायरेक्टर नीरज चौबे, आईटीसी के मैनेजर पुष्पेंद्र राठोर ने सबका स्वागत किया। गेहूं की नई किस्म आर एस एफ-25 और आर एस एफ-31 सम्मिलित रूप लांच किया गया। कार्यक्रम में रोहतास, कैमूर और बक्सर के सैकड़ों किसान उपस्थित रहे। सभी को दस-दस किलो गेहूं के बीज मुफ्त उपलब्ध कराए गए।