बक्सर खबर। माउथ मीडिया
बक्सर खबर। शहर में इन दिनों अजीबो-गरीब वाकयात हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसा पहले नहीं हुआ था। शायद किसी की नजर लग चुकी है। ऐसा हो भी क्यों नहीं। हत्या, लूट, लावारिस शवों का मिलना रोजमर्रा की बात जो हो गई है। आम शहरी व्यथित हैं। इन्हीं पहलुओं पर सोचते हुए मैं भी दोपहर के वक्त दफ्तर के लिए निकला। रास्ते में बतकुच्चन गुरु से सामना हो गया। बतकुच्चन गुरु छूटते सवाल दागे। अरे गुरु इतने दिनों कहां रहे।
मैं बोला- आप ही नहीं मिल रहे थे जबकि आते-जाते मेरी नजरें आपको तलाश रहीं थीं।…बककुच्चन कहे-गुरु हम तोहें का बताएं। बस यही समझा कि आजकल हम शर्मशार हइला। समझे में नहीं आवत ह कि कइसे केकरे-केकरे के आपन मुंह दिखाईं। हमारे शहर क इज्जत नीलाम होत हला। कवनों सारे एकरा पर नजर लगा दिए हैन। कुछो घोंटात नाही हवला। हर बखत डर इहे बनल रहेला कि कब कउनो अशुब खबर न काने में पड़ जाव। अब देखा। कुच्छे दिन हुआ रहा कि शहर में नकली दवाई बेचे वाले कुल मिला पकड़ाइल रहेन। उ माजरा हमरे जइसन मनई के हिला के रख दिहे रहा। इहे कि अइसनो-अइसन काम हमरे शहर में चलत रहल हला। सच्चों बताइ तोहके कि अब त ससुरा कउनों दवइओ खाए बदे हम दस दफा सोचब। का पता एहर कउनो दवाई खाईं आ ओहर हमार परान छूट जाए।
अब एके छोड़ा। इ केतना सरम क बात हवला कि ए जिला में एगो नाहीं दू जगह गैंगरेप भगइल। एक मामले में त मुखिया क बेटवे ससुरा इ करम कइलस। दूसरी घटना में थानेदार साहब बेचारी दुखियारी का मुकदमा नाहीं दर्ज किएन। भला कहा कि इ कप्तान हुजूर के कि जे ओ थानेदार के सीधे ससपेंड कर दिहेन। अब तू ही बतावा कि अइसन-अइसन कलंक एह जिला में होई त हमरे नियर मनई के मुंह में रोटी कइसे घोटाई।…कब्बो-कब्बो त हम्मे लगे लागल हवला कि ए_ीन सब कठमुल्ले बस गइलन हैन। नेतवन के का कहीं। दुनिया भर क मसला पर खुब्बे चिल्लइहन। बाकिर एह जिला क बात आइ त लगत ह कि उनके मुंह पर काठ मार देले हवला।