ऐसा कार्यालय जहां महिलाओं की तरह घूंघट निकालते हैं पुरुष

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डुमरांव : पढऩे में शायद आप सभी को अजीब लगे। पर यह सच है। डुमरांव शहर में एक ऐसा कार्यालय हैं। जहां सिर्फ पुरुष कर्मचारी काम करते हैं। लेकिन वे महिलाओं की तरह घूंघट निकालने को मजबूर हैं। क्योंकि उन्हें डर है। कहीं उनकी मजबूरी नौकरी के लिए समस्या न बन जाए। हम बात कर रहे हैं डुमरांव के पावर सब स्टेशन की। यहां काम करने वाले कुछ आठ आपरेटर और 22 लाइन मैन हैं। अर्थात कुल तीस लोग। लेकिन सब स्टेशन में एक भी शौचालय नहीं है। नतीजा अगर किसी को शौच जाना हो तो। मुंह छिपाकर कार्यालय से बाहर निकलता है। किसी ने देख लिया तो शर्मसार होना होगा। अगर मीडिया वालों ने तस्वीर उतार ली तो सस्पेंड भी होना पड़ सकता है। सरकारी मुलाजिम जो ठहरे।

खुले में शौच करना अपराध जो है। इस आफत से बचने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारी गमछे से मुंह ढककर शौच जाते हैं। कोई देख भी ले तो पहचान नहीं सके। सामने वाला व्यक्ति कौन है। यह सब स्टेशन रेलवे लाइन के पास स्थित है। यहां के कर्मचारी शर्मसार होने के डर से रेलवे लाइन पार दूर खेत में जाते हैं। इस बीच अगर बिजली के किसी फिडर में खराबी आ गई तो फिर शौच के बाद ही उसका निदान होगा।
डर के मारे नहीं बोलते कर्मचारी
डुमरांव : पावर सब स्टेशन में कुल आठ आपरेटर तैनात हैं। जो सिफ्ट बदलकर तीन चरण में ड्यूटी करते हैं। रघुवीर सिंह, विकास कुमार सिंह, राकेश प्रजापति, आशीष गुप्ता, विजय सिंह, नंदलाल राम, राजेश कुमार व असलम हुसैन। किसी एक ने अपने नाम से बयान नहीं दिया। इतना जरुर कहा हम सभी के लिए यह रोज की समस्या है। मामला बड़ा हो तो रेल पटरी पार जाओ। अगर छोटी समस्या है तो भवन के पीछे खुले में शौच करो। दोनों ही हाल में खतरा बरकरार है। एक तरफ ट्रेन का खतरा दूसरी तरफ करंट का। हम करें तो क्या करें। हमें इंतजार है शायद किसी अधिकारी का ध्यान हमारी मजबूरी की तरफ जाए। हमारी तरफ न जाए तो कम से कम स्वच्छ भारत मिशन के लिए यहां शौचालय बना जाए।

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