बक्सर खबर : वामन द्वादशी का स्नान रविवार को भी होगा। नक्षत्र के अनुसार द्वादशी तिथि का रविवार को भी है। इसी तिथि में भगवान सूर्य उदय होंगे। अत: व्रत विधान के अनुसार जिस नक्षत्र में उदया तिथि होती है। उसका प्रभाव उसी दिन को माना जाता है। शनिवार को द्वादशी तिथि प्रारंभ हो गई थी। लेकिन भगवान भास्कर का उदय एकादशी तिथि में हुआ था। इस लिए शनिवार को एकादशी व्रत मनाया गया। रविवार को भी वामन जयंती अर्थात वामन द्वादशी मनायी जाएगी। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य पंडित नरोत्तम द्विवेदी ने बक्सर खबर को दी।
उन्होंने कहा कुछ हिंदी पंचांग में में दो सितम्बर को ही वामन जयंती बताया गया था। इस वजह से श्रद्धालु शनिवार को भी गंगा स्नान करने पहुंचे। लेकिन शास्त्रीय मान्यता के अनुसार वामन द्वादशी रविवार को ही श्रेयकर है। जिन लोगों ने शनिवार को एकादशी व्रत किया है। वे रविवार को सुबह नौ बजे तक पारण कर लें। अथवा तुलसी पत्र ले दोपहर तक उपवास रख वामन द्वादशी का व्रत भी रह सकते हैं। पंडित द्विवेदी ने बताया भगवान विष्णु का महान व्रत अनंत चतुर्दशी पांच सितम्बर को मनाया जाएगा। इस बीच केन्द्रीय जेल परिसर में स्थित भगवान वामन के मंदिर में श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में दर्शन पूजन किया। भगवान वामन द्वारा स्थापित वामनेश्वर महादेव की लोगों ने पूजा अर्चना की।