बक्सर खबर। खुले में शौच करना आजीवन कारावास की सजा बन जाएगा। ऐसा शायद किसी ने सोचा नहीं होगा। लेकिन, न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्य यही बयां कर रहे हैं। इतना ही नहीं इसके कारण हुए विवाद में एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। यह विवाद सात वर्ष पहले राजपुर थाना के मंगरांव गांव में हुआ था। 7 नवम्बर 011 को नमाज पढ़कर लौट रहे जमादार अंसारी ने देखा किसी ने उनके घर के सामने किसी ने शौच किया है। पड़ोस के इब्राहीम के परिवार को उन्होंने इसका उलाहना दिया। वे इतने खफा हुए कि उन्हें मारने लगे। पिता को पिटता देख अली मुहम्मद बचाने आया।
लेकिन छह-सात लोग उसपर टूट पड़े। घायल अली की वाराणसी में छह दिन बाद मौत हो गई। इसी मामले में सुनवायी करते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट दो के न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह ने आज बुधवार को फैसला सुनाया। इस मामले में दोषी करार दिए गए कुल छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई। जिसमें इब्राहीम, उनके तीन पुत्र मुन्ना, डोमन, बेलाल एवं पीर मुहम्मद और उनके सफुदीन अंसारी कुल शामिल हैं। इनके उपर न्यायालय ने एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मुकदमें की पैरवी अधिवक्ता रामजी चौबे व त्रिलोकी मोहन ने की।