बक्सर खबर : पत्रकारिता में पहले की अपेक्षा अब ज्यादा अवसर है। ऐसा अक्सर सुनने में आता है। पहले बेहतर माहौल था। वर्तमान समय में बहुत ह्रास हुआ है। मैं ऐसा नहीं मानता। आज तो मीडिया का दायरा बढ़ा हैं। हर जगह योग्य लोगों की पूछ बढ़ी है। यह बातें सुलझे हुए पत्रकार अरविंद कुमार ओझा ने कहीं। उन्होंने प्रखंड की मुफस्सिल पत्रकारिता का अनुभव लिया है। लेकिन जब उन्होनें पत्रकारिता को लक्ष्य बनाया तो लंबी दूरी तय की। अपना मुकाम बनाया और आज प्रभात खबर के प्रादेशिक डेस्क प्रभारी के रुप में काम कर रहे हैं। अपने साप्ताहिक कालम इनसे मिलिए के लिए रविवार को बक्सर खबर ने बात की। बातचीत के दौरान कई अनुभव साझा हुए। प्रस्तुत है उसके कुछ अंश।
पत्रकारिता का सफर
बक्सर : वर्ष 2002 में हिन्दुस्तान अखबार के लिए चौगाईं प्रखंड संवाददाता के रुप में काम किया था। इस सफर के दौरान वे नौकरी करने भी गए। लेकिन कलाकार हृदय व्यक्ति होने के कारण उनका जी नहीं लगा। वापस लौट आए और दिल्ली चले गए। वहां भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की डिग्री ली। हरियाणा केे हिसार विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए किया। 2010 में अमर उजाला दिल्ली के लिए काम करना शुरु किया। इंडिया न्यूज से जुड़कर अंबाला चले गए। वे बताते हैं मैने महसूस किया, प्रिंट मीडिया की अहमियत व जन मानस में विश्वसनियता ज्यादा है। इस सोच को साकार करने के लिए 2013 में हिन्दुस्तान बरेली चला गया। 2016 जुलाई में प्रभात खबर पटना लौट आया। आज प्रादेशिक डेस्क पर काम कर रहे हैं। इस चर्चा के दौरान ओझा ने बताया मैंने देखा है। हर जगह योग्य लोगों की जरुरत है।
व्यक्तिगत जीवन
बक्सर : अरविंद कुमार ओझा जिले के ओझाबरांव गांव के निवासी हैं। पिता गोरखनाथ ओझा प्रखंड कृषि पदाधिकारी के पद से सेवानिवृत हुए हैं। उनके घर 1 मार्च 1977 को अरविंद कुमार का जन्म हुआ। तीन पुत्रों में वे सबसे बड़े हैं। गांव के मध्य विद्यालय से आठवीं कक्षा पास हुए। 1996 में आरा जैन कालेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। युवा हुए तो वर्ष 2002 में शादी हुई। उनकी एक पुत्री और एक पुत्र हैं। अपना पूरा परिवार आज उनके साथ पटना में रहता है। वे बताते मुझे फक्र है मैं बक्सर का हूं।