राजा भोज के किला पर आयोजित हुई विरासत बचाओ यात्रा

0
279

छात्र-छात्राएं , शिक्षक व नागरिकों ने पुरखों की विरासत बचाने का लिया संकल्प                                        बक्सर खबर। पुरखों की धरोहर को सहेजना हर नागरिकों का कर्तव्य है। इसी उद्देश्य को लेकर बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के पुरातत्व निदेशालय द्वारा नया भोजपुर स्थित राजा भोज के ऐतिहासिक किले पर ‘विरासत बचाओ यात्रा’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय विद्यालयों के बच्चों, शिक्षकों और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यात्रा के दौरान सीताराम उपाध्याय संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र ने प्रतिभागियों को विरासत के महत्व और संरक्षण की आवश्यकता पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ मिश्र ने कहा, “नया भोजपुर के नवरत्न गढ़ किला की विशाल टीले में हमारी इतिहास और संस्कृति छिपी है। इसे संरक्षित करना जरूरी है, क्योंकि इसके नष्ट होने पर हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी नष्ट हो जाएगी। हमें गांव-गांव के प्राचीन टीलों को बचाने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है।”

कार्यक्रम के दौरान राजा भोज के किले के आसपास की गंदगी पर खेद व्यक्त किया गया। स्थानीय नागरिकों और बच्चों से इन स्थलों की स्वच्छता बनाए रखने और अन्य लोगों को जागरूक करने का आग्रह किया। इसके साथ ही गंगा और अन्य नदियों तथा तालाबों की स्वच्छता पर भी चर्चा की गई। नया भोजपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्वेतांश कुमार ने बच्चों को विरासत बचाने के उपायों की जानकारी दी। उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “यह कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया गया है, जो बच्चों और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।” यात्रा में शामिल वार्ड सदस्य धनंजय पांडेय ने बताया कि किले की स्वच्छता और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह स्थल स्वच्छ और सुरक्षित रहेगा।

नया भोजपुर में छात्र-छात्राओं व अन्य लोगों को बक्सर की विरासत को बताते संग्रहालयाध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र।

नया भोजपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय से शुरू होकर यह यात्रा गांव के प्राचीन स्थलों और नवरत्न गढ़ किले तक पहुंची। बच्चों, शिक्षकों, और स्थानीय नागरिकों में इस यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखा गया। प्रतिभागियों में अनिकेत कुमार, मोहम्मद आशिक, रामरूप ठाकुर, अभिशेष चौबे, अभिनंदन कुमार सहित छात्र-छात्राएं शामिल थे।कमलेश कुमार पाठक, प्रमोद कुमार उपाध्याय, अरुण कुमार सिंह , शैलेश पांडेय, अरुण कुमार ओझा, रीमा कुमारी,स्वर्णा आर्या, रीतेश चौधरी, शकील अहमद, देवकांत मणि, विजय कुमार सिंह, प्रदीप कुमार गुप्ता सहित अन्य शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने भी यात्रा में शामिल होकर प्रतिभागियों को संबोधित किया।कार्यक्रम के अंत में डॉ शिव कुमार मिश्र ने कहा कि संपूर्ण कार्यक्रम ने बच्चों और नागरिकों के बीच अपनी संस्कृति और इतिहास को सहेजने का नया जोश भर दिया। यह पहल आने वाले समय में समाज को अपनी जड़ों से जोड़ने और विरासत को संरक्षित रखने की प्रेरणा देगी। सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए समाज में धरोहर संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने का आग्रह किया। कल बुधवार को सीताराम उपाध्याय संग्रहालय में ‘योर हेरिटेज, पटना’ के विशेषज्ञ बच्चों को चित्रांकन के माध्यम से विरासत के महत्व को समझाने और अपनी कला से इसे व्यक्त करने का अवसर देंगे। स्थानीय स्कूलों के बच्चों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here