बक्सर खबर। बिहार का विख्यात बक्सर का पंचकोश मेला आज मंगलवार से प्रारंभ हो गया। पहले दिन अहिरौली गांव के अहिल्या मंदिर में मेला लगा। गंगा स्नान करने के बाद श्रद्धालु मंदिर में दर्शन को पहुंच रहे थे। पास के अहिरौली मठिया में भी मेले सा नजारा था। वहां श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए स्थानीय मठिया और लोगों द्वारा बेहतर प्रबंध किया गया था।
यहां आज पूरी रात श्रद्धालुओं के ठहरने का प्रबंध भी किया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार अहिल्या मंदिर गौतम ऋषि की पत्नी का स्थान है। जो पत्थर से शीला बन गई थी। भगवान राम के चरण स्पर्श से उनका उद्धार हुआ था। इस लिए यहां पंचकोशी परिक्रमा का पहला पड़ाव लगता है।
आंचल पर होता है नृत्य
बक्सर खबर। ऐसी मान्यता है कि जिनकी मनौती यहां पूरी होती है। वह अपने आंचल को फैलाकर मंदिर के सामने बैठता है। उसपर पुरुष अथवा महिला नर्तक नृत्य करते हैं। ग्रामीणों के अनुसार यहां मेले के दिन दूर-दूर से लोग आते हैं। पारंपरिक नृत्य करने वाला हुड़का ग्रुप भी पहले से मौजूद रहता है। वे परंपरा का निर्वहन करते हैं। इस तरह उनकी कमाई हो जाती है।
लोग खाते हैं पुआ और पकवान, जलेबी की रहती है धूम
बक्सर खबर। मेले में आने वाले श्रद्धालु जिनके पास संसाधन होता है। वे पुआ अथवा पुड़ी सब्जी बनाकर खाते हैं। जो लोग सिर्फ मेला घुमने आते हैं। वे गुड की जलेबी खाकर पारंपरिक मान्यता का निर्वहन करते हैं। एक वर्ष पर आने वाले मेले को लेकर काफी उत्साह रहता है। जिसके कारण पूरे दिन यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है।