‌‌‌हनुमान जी की ननिहाल से 24 को शुरू होगा पंचकोशी मेला

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-28 को बक्सर में लगेगा लिट्टी-चोखा
बक्सर खबर। सिद्धाश्रम का जगत विख्यात पंचकोशी मेला 24 नवम्बर दिन बुधवार से प्रारंभ हो रहा है। मेले का पहला पड़ाव अहिरौली होगा। जहां माता अहिल्या का उद्धार हुआ था। पंचकोशी परिक्रमा समिति के सचिव डाक्टर रामनाथ ओझा ने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे समिति के सदस्य रामरेखा घाट से जलभरी व गंगा आरती कर अहिरौली के लिए प्रस्थान करेंगे। वहां अहिरौली मठिया व अहिल्या मंदिर में पूजन आदि कार्यक्रम संपन्न होगा। पांच दिनों का चलेने वाला बिहार ही नहीं पूरे देश में जाना जाता है।

क्या है आध्यात्मिक महत्व
बक्सर खबर । ऐसी मान्यता है कि यज्ञ सफल करने के लिए भगवान राम व लक्षमण महर्षि विश्वामित्र के साथ अगहन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को बक्सर पहुंचे थे। वे सबसे पहले गौतम ऋषि के आश्रम पहुंचे। जहां अहिल्या का उद्धार हुआ। यहां मेले का पहला पड़ाव होता है। इस गांव का नाम अहिरौली है। जहां अहिल्या का मंदिर मौजूद है। दूसरा पड़ाव होता है नारद मुनि के आश्रम पर। जिस स्थान का नाम आज भी नदांव है।

बक्सर में प्रसाद ग्रहण करते भगवान राम व लक्ष्मण

वहां नर्वदेश्वर महादेव का मंदिर है। जहां लोग खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण करते हैं। तीसरा पड़ाव भभुअर गांव होता है। जहां कभी भार्गव ऋषि का आश्रम हुआ करता था। यहां दही-चूड़ा का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। चौथा पड़ा होता है उद्दालक मुनि के आश्रम में। जिस गांव का नाम नुआंव है। यहां भी प्राचीन शिव मंदिर है। जहां लोग सत्तू और मूली का प्रसाद ग्रहण करते हैं। पांचवां और अंतिम पड़ाव होता है बक्सर शहर खासकर चरित्रवन का क्षेत्र। जहां लोग लिट्टी-चोखा बनाते और खाते हैं।

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