-प्रशासन की उपेक्षा व समिति की लापरवाही आई सामने, लोगों को परेशानी
बक्सर खबर। पंचकोश मेले में का दूसरा पड़ाव रहा नदांव। रविवार को श्रद्धालुओं का जत्था अहिरौली के बाद इस गांव पहुंचा। जहां कभी नारद मुनि का आश्रम हुआ करता था। यहां लोगों ने नारद सरोवर में स्नान किया और उसकी परिक्रमा भी। यहां भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है। जिसे लोग नर्वदेश्वर महादेव के नाम से जानते हैं। वहां दर्शन पूजन का सिलसिला पूरे दिन चला। इस दौरान पंचकोशी परिक्रमा समिति के अध्यक्ष बसांव मठ के महंत अच्युत प्रपन्नाचार्य जी व अन्य लोग यहां पहुंचे और नारद सरोवर की परिक्रमा की।
पूरे दिन यहां श्रद्धालुओं के आने-जाने का सिलसिला चलता रहा। लेकिन, शाम में यहां घोर अव्यवस्था देखने को मिली। न श्रद्धालुओं को ठहरने का इंतजाम था न प्रकाश की बेहतर व्यवस्था। शाम में यहां मारपीट की घटना भी हुई। मीडिया के लोग पहुंचे तो पता चला एक भी सुरक्षा कर्मी वहां मौजूद नहीं था। अर्थात शाम ढलने के साथ प्रशासनिक दावे अंधेरे में खो गए। यहां से कुछ तस्वीरें आई हैं। जिसमें आपको बसांव मठ के महंत जी दिख जाएंगे। और एक तस्वीर नर्वदेश्वर मंदिर की है।
यहां एक और बात देखने को मिली। लोगों ने परंपरा के अनुसार खिचड़ी का प्रसाद कम बनाया। पूछने पर पता चला रविवार को खिचड़ी बनाना उचित नहीं है। अब तीसरे दिन का पड़ाव होगा भभुअर गांव। जहां भार्गव ऋषि का आश्रम हुआ करता था। लोग कहते हैं, यहां एक तालाब है। जिसका निर्माण लक्ष्मण जी ने तीर मार कर किया था। यहां भी भगवान शिव का एक मंदिर है। जिसकी लोग यहां पूजा अर्चना करते हैं। और चूड़ा-दही का प्रसाद ग्रहण करते हैं।
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