‌‌‌उद्दालक मुनि के आश्रम पहुंची पंचकोशी यात्रा

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-रविवार को लगेगा चरित्रवन में लिट्टी-चोखा मेला
-अंजनी सरोवर में स्नान कर ग्रहण किया सत्तू-मूली का प्रसाद
बक्सर खबर। श्रद्धा मनुष्य को संस्कार से जोड़ती है। तभी तो त्रेता युग से चले आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए श्रद्धालुओं का जत्था शनिवार को नुआंव पहुंचा। जहां कभी उद्दालक ऋषि का आश्रम हुआ करता था। वहां दर्शन-पुजन कर लोगों ने परंपरा के अनुरुप सत्तू-मूली का प्रसाद ग्रहण किया। पंचकोशी परिक्रमा समिति द्वारा भी इसका प्रबंध किया गया था।

बड़ी संख्या में यहां पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण हुआ। लोग छोटका नुआंव में स्थित अति प्राचीन शिव मंदिर में लोग दर्शन पूजन करने पहुंचे। साथ ही बड़का नुआंव में बने अंजनी मंदिर में भी लोगों ने हनुमान जी की पूजा की। ऐसी मान्यता है। यहां माता अंजना ने उद्दालक ऋषि के आश्रम में रहकर तपस्या की थी।

-सत्तू-मूली का प्रसाद ग्रहण करते श्रद्धालु

भगवान राम जब यहां आए तो उन्हें प्रसाद स्वरुप ऋषि ने सत्तू-मूली का भोग लगाया था। उसी परंपरा का निर्वहन आज भी संत-महात्मा व श्रद्धालु करते हैं। इसी बीच स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी वहां पहुंचे। उनके समक्ष कुछ लोगों ने पंचकोशी क्षेत्र के विकास व अंजनी सरोवर पर हो रहे अतिक्रमण का विषय रखा। उन्होंने कहा इसके लिए पहले भी जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए गए थे। इस सिलसिले में आगे भी बात होगी और आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाएगा।

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