बक्सर खबर। भगवान हनुमान की ननिहाल अहिरौली से बक्सर की प्रसिद्ध पंचकोसी परिक्रमा दो दिसंबर से प्रारंभ हो रहा है। पांच दिनों तक चलने वाले मेले का पहला पड़ाव अहिल्या धाम अहिरौली में लगता है। जहां गौतम ऋषि का आश्रम हुआ करता था। त्रेता युग में जब भगवान श्रीराम यहां आए तो माता अहिल्या का उद्धार हुआ था। दूसरा पड़ाव नदांव गांव में तीन दिसंबर को लगेगा। जहां नारद मुनि का आश्रम हुआ करता था। यहां नर्वदेश्वर महादेव और नारद सरोवर आज भी मौजूद है। लोग वहां स्नान और परिक्रमा भी करते हैं।
तीसरा पड़ाव सदर प्रखंड के भभुअर गांव में लगता है। जहां परिक्रमा करने वालों का कारवां चार दिसंबर को पहुंचेगा। यहां दही-चूड़ा का प्रसाद खाया जाता है। चौथा पड़ाव पांच को नुआंव में लगता है। जहां उद्दालक मुनि का आश्रम हुआ करता था। यहां सत्तू और मूली का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। और पांचवें दिन का पड़ाव चरित्रवन में लगता है। जहां महर्षि विश्वामित्र का आश्रम था। यहां लिट्टी-चोखा का प्रसाद लगता है। जिसका वर्ष में सबको इंतजार रहता है।