‌‌‌बदलाव की बयार से दूसरे प्रखंड़ो में दहशत

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– पिछली बार हारने वालों पर लोगों ने दिखाया भरोसा
– चुनाव हार गए जदयू सांसद के भाई
बक्सर खबर। कोरोना का मॉस्क निवर्तमान मुखिया प्रतिनिधियों के गले में अटक गया है। रोज भोज देने के बाद भी जनता खेल कर रही है। जिले में दूसरे एवं तीसरे चरण की मतगणना के बाद जो परिणाम आए हैं। उनमें से अधिकांश जगह निवर्तमान लोग चुनाव हार गए हैं। जिन नए लोगों को मौका मिला है। उनमें अधिकांश वैसे हैं। जो पिछला चुनाव हारे थे। इसे देखकर लगता है। जनता ने वैसे लोगों को नकार दिया है। जिन्होंने हकमारी की है।

हालांकि बहुत जगह निवर्तमान पूरी ताकत से लड़े हैं। लेकिन, परिणाम उनके पक्ष में नहीं रहा है। डुमरांव प्रखंड की 14 पंचायतों में से 11 जगह नए लोग जीते हैं। इनमें से तीन पुराने उम्मीदवार हैं। जो पिछला चुनाव हार गए थे। लेकिन, इस बार उन्हें मौका मिला है। जैसे मुंगाव से इंदल सिंह, छतनवार से शशिकांत सिंह उर्फ ढुनमुन एवं कसियां पंचायत से धनंजय उर्फ भरत तिवारी। हालांकि उनकी जीत बहुत ही रोमांचक रही। उन्हें कुल 1024 मत मिले। उनके प्रतिद्वंदी रहे राजीव रंजन को 1003 मत प्राप्त हुए। यहां महज 21 वोट से जीत हुई है।

वहीं डुमरांव के मुगांव पंचायत में जदयू के राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह के भाई (रिश्ते के) अमरेन्द्र सिंह को महज 815 मत से संतोष करना पड़ा। कुछ ऐसा ही हाल दूसरे चरण में संपन्न हुए राजपुर प्रखंड का भी रहा। वहां की 19 पंचायतों में 15 जगह नए उम्मीदवार जीते थे। इन दो प्रखंड़ के चुनाव परिणाम के कारण अन्य शेष रह गए नौ प्रखंड के निवर्तमान प्रतिनिधियों की सांसे फुल रही हैं। कहीं परिणाम उनके विपरित रहा तो क्या होगा। इस वजह से उन्होंने जनसंपर्क और आवभगत का दौर बढ़ा दिया है।

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