बक्सर खबर । राष्ट्र के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की आज पुण्यतिथि है। वीर रस की कविताओं के कारण उन्हें राष्ट्र कवि के नाम से संबोधित किया जाता है। बिहार के बेगुसराय जिले के सिमरियां घाट में उनका जन्म 23 सितम्बर 1908 को हुआ था। 24 अप्रैल 1974 को उनका स्वर्गवास चैन्नई में हुआ। उन्हें कई पुस्कारों से नवाजा गया। जिसमें पद्यम भूषण, ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी प्रमुख हैं। उनकी कई रचनाओं को पाठ्य पुस्तकों में पढ़ाया जाता रहा है। उनमें से एक की चर्चा हम यहां कर रहे हैं।
जला अस्थियां बारी-बारी
चिटकाई जिसमें चिंगारी
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल
कलम आज उनकी जय बोल
दिनककर जी को याद करते हुए मंगलवार को शहर में कार्यक्रम आयोजित हुआ। रालोसपा अरुण गुट के नेताओं ने बंगाली टोला में एकत्र हो उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। जिसमें नियमतुल्ला फरीदी, अवधेशा नंद बक्सरी, प्रहलाद वर्मा, मोहन दुबे, लता श्रीवास्तव, गुडन राय, हरेराम पासवान, पप्पू चौबे, अख्तर आह्वान, संजय सिंह समेत कई लोग शामिल हुए।