– सनातन संस्कृति समागम में संविधान की मूल प्रति में भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण व हनुमानजी के चित्र दिखाए
बक्सर । पूर्व केंद्रीय मंत्री व पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सनातन संस्कृति का जो विरोध करता है, जनता उसका कद घटाती जाती है। बिना सनातन की भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। यह भारत की संस्कृति है। इससे देश को उर्जा मिलती है। वे शनिवार को अहिरौली बक्सर में चल रहे सनातन संस्कृति समागम में साधु संतों के आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी सनातन संस्कृति के संरक्षण, दिव्यता के लिए कार्य कर रहे हैं। अयोध्या, केदारनाथ, उज्जैन की जो भव्यता वापस आई है। यह उसी का परिणाम है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद अपने साथ संविधान की 1950 की मूल प्रति लेकर आए थे। जिसे दिखाते हुए उन्होंने कहा श्रीराम, श्रीकृष्ण, हनुमान के चित्र को दिखाए। उन्होंने कहा कि संविधान में भी रामराज की व्यवस्था है। श्रीकृष्ण अर्जुन को गीता में कर्तव्य का बोध कराते हैं। उन्होंने जनता के सामने सवाल छोड़ा कि अगर आज यह संविधान बनता तो क्या भगवान का चित्र होता। पूर्व मंत्री ने कहा कि भगवान की कृपा से रामलला का केस हाईकोर्ट लखनऊ में लड़ा था। भगवान को जो कार्य करवाना होता है, वे करवा लेते हैं। उन्होंने बक्सर में इस भव्य कार्यक्रम के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री व मित्र अश्विनी चौबे को बधाई दी। साथ ही जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी व पूज्य जीयर स्वामी जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान सिक्किम गवर्नर गंगा प्रसाद, पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, एमएलसी अशोक पांडेय, राजीव नयन चौबे सदस्य यूपीएससी, कमल नयन चौबे पूर्व डीजीपी झारखंड आदि कार्यक्रम में शामिल हुए।