‌‌‌चावल के अभाव में बंद हुई पीएम पोषण योजना

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-पचास फिसदी विद्यालयों में भोजन ठप
बक्सर खबर। कोविड के उपरांत खुले सरकारी विद्यालयों में 28 फरवरी से मध्याह्न भोजन शुरू हुआ। जोर-शोर से इसको लेकर सरकारी महकमें कागजी घोड़े दौड़ाने का काम शुरू हुआ। अधिकारियों ने विद्यालयों तक जाकर इसकी जांच शुरू की। लेकिन, एक से डेढ़ माह गुजरते-गुजरते जिले में यह योजना फिर दम तोड़ने लगी है। अप्रैल माह के अंत तक जिले के 40 से 50 फिसदी विद्यालयों में भोजन का काम लगभग ठप हो गया है।

विद्यालयों द्वारा अपने-अपने प्रखंड कार्यालय को दी गई रिपोर्ट के अनुसार हर जगह चावल के अभाव में भोजन बनना बंद होने लगा है। जिन विद्यालयों में फिलहाल भोजन बन रहा है। एक सप्ताह के अंदर वहां भी रसोई में ताला लटकना तय है। क्योंकि मार्च के बाद खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं हुई। इकलौते राजपुर प्रखंड का जिक्र करें तो यहां लगभग 170 के आस-पास प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय हैं। इसमें लगभग 75 विद्यालयों में पीएम पोषण योजना का भोजन बनना बंद हो चुका है। यह हाल अप्रैल माह का है। ऐसे में सरकारी दावे और मध्याह्न भोजन दोनों का हाल बुरा है।

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