थानाध्यक्ष व मुंशी के खिलाफ मुखिया पुत्र ने दायर कराया परिवाद

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बक्सर खबर। कोरानसराय के मुखिया पुत्र सुमित गुप्ता को पुलिस ने इतना मारा है कि वह चल नहीं पा रहा है। दर्द से परेशान पीडि़त ने रजिस्टर्ड डाक द्वारा इसकी सूचना पुलिस के कप्तान के कार्यालय को दी है। लेकिन वहां से न्याय मिलता नहीं देख उसने न्यायालय में अर्जी दी है। जिसमें कोरानसराय थानाध्यक्ष जय प्रकाश व मुंशी बालकृष्ण एवं अन्य दो सिपाहियों को आरोपी बनाया गया है।

घटना 10 जून की है। थानेदार ने उन्हें कचइनियां पुल के पास हिरासत में ले लिया। पिस्तौल सटा अपनी गाड़ी में बैठा लिया। वहां से कच्ची सड़क होते डुमरांव ले गए। वहां थाने की हाजत में बंद कर जान मारने की नियत से राइफल के बट से पीटा। सूचना मिलते ही बडी संख्या में लोग डुमरांव पहुंच गए। देर रात उन्हें बांड पेपर भरवाकर उन्हें छोड़ा गया। लेकिन घायल होने की वजह से वे बाहर नहीं निकल सके। इस वजह से डाक द्वारा इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक कार्यालय को दी।

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उनका कहना है इससे हमारी सामाजिक छवि को गहरा आघात लगा है। मुझे काफी चोटें आई हैं। जिसका उपचार मैंने डा. धर्मवीर उपाध्याय के यहां कराया है। सुमित ने अपने परिवाद की छाया प्रति बक्सर खबर को भेजी है। जिस पर धारा 364, 323, 504, 506, 324/34 का उल्लेख किया गया है। वहीं इस संबंध में पूछने पर थानाध्यक्ष जयप्रकाश ने कहा कि सुमित के खिलाफ सेवेन इसी का मामला दर्ज है। उसी सिलसिले में उसे गिरफ्तार किया गया था। वरीय पदधिकारियों के निर्देश पर उसी रात पीआर बांड पर छोड दिया गया। मारपीट का आरोप गलत है। वैसे सुमित का पिछला रिकार्ड भी दागदार है।

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