बक्सर खबर। बिहार पुलिस की विशेष शाखा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व उससे जुड़े अनुषांगिक संगठनों की जांच करना नीतीश सरकार की राजनीतिक चाल है। पूरा देश जानता है आरएसएस जैसा राष्ट्रवादी संगठ पूरे विश्व में नहीं है। रही बात विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों की तो वह भी किसी से छीपा नहीं है। कोई दल हो अथवा संगठन। उसकी नियत और लक्ष्य गलत होंगे। तो वह बहुत दिनों तक नहीं चलने वाला। न तो वह देश का भला करेगा। न उस संगठन से जुड़े लोगों का। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बलिदान करने वालों का संगठन है। वहां त्याग और तपोबल से आदर्श व्यक्ति निर्माण होता है। चाहे व पंडित दिन दयाल उपाध्याय हो अथवा, अटल बिहारी वाजपेयी।
ऐसे महापुरूष देने वाले संगठन की कोई क्या जांच कराएगा। वह तो अपना उल्लू सीधा करने के फिराक में है। ऐसा करने वाले नीतीश की कलई खुल गई है। अपराध पर अंकुश नहीं लगा पाने वाली अक्षम सरकार अब अपने दिन गिन रही है। विद्यार्थी परिषद के बक्सर और आरा जिले के विभाग संयोजक छात्र नेता दीपक यादव ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के ऊपर जोरदार हमला बोला होते हुए नीतीश ने पहले भी पटना स्थित परिषद के कार्यालय पर छापा मरवाया था। लेकिन, उसके हाथ कुछ नहीं लगा। नीतीश को हिम्मत हो तो भाजपा की जांच करनी चाहिए। क्योंकि वह भी आर एस एस की अनुषांगिक ईकाइ है। हालाकि नीतीश के इस फैसले से सिर्फ आर एस एस की जांच नहीं होगी। स्वयं उनके चरित्र को भी देश और दुनिया जान जाएगी।