बक्सर खबर। सिमरी थाने का मानिकपुर हत्या कांड पुलिस के चुनौती बन गया है। हत्या हुई, छह नामजद हुए लेकिन एक भी गिरफ्तार नहीं हुए। छह नामजद में से तीन ने स्वयं न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। एक की जमानत भी हो गई है। लेकिन जो मुख्य अभियुक्त थे वे अब भी फरार है। इनमें संतोष राय पिता हृदय नारायण राय, अक्षयबर यादव पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष व विष्णु शंकर राय। इस बीच पूर्व अध्यक्ष ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए आवेदन थमा दिया। लेकिन इससे उनको कुछ लाभ नहीं मिला। उनका आवेदन उनके लिए गले का फांस बन गया।
क्योंकि मोबाइल लोकेशन ने यह पुष्टि कर दी वे केशोपुर टावर के टावर में मौजूद थे। उनके खिलाफ पुलिस की जांच रिपोर्ट भी आ गई है। लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। कुछ दिन पूर्व डुमरांव डीएसपी से पूछने पर उन्होंने जांच में अक्षयबर यादव का नाम आने की बात स्वीकार की थी। लेकिन, तिलकराय हाता ओपी पुलिस इसमें खेल कर रही है। यह आरोप है पीडि़त पक्ष का। उनका तर्क है कि मुख्य आरोपी संतोष राय के खिलाफ 23 जुलाई को ही कुर्की वारंट जारी हुआ था। लेकिन अभी तक उसका तामिला नहीं किया गया। पाठकों को यह ज्ञात हो कि 9 मई को केशोपुर गांव में सुनील पांडेय की हत्या कर दी गई थी। कुछ और लोग घायल हुए थे।
दर्ज है एक और प्राथमिकी
बक्सर खबर। इस हत्याकांड के बाद सिमरी थाने में एक और प्राथमिकी दर्ज हुई। जिसका नंबर 102/18 है। उसमें आधा दर्जन से अधिक लोग नामजद हैं। सूत्रों के अनुसार यह दूसरे पक्ष द्वारा दर्ज काउंटर केस है। जिसमें कहां गया है प्रथम पक्ष वाले हमारे दरवाजे पर आए। गोली चलाई जिसमें रामप्रभाव के पेट में गोली लगी। उनकी ही गोली से हमला करने आए सुनील पांडेय की मौत हो गई। घायल युवक का उपचार ट्रामा सेंटर वाराणसी में कराया गया। लेकिन, सूत्रों की माने तो वहां से जारी रिपोर्ट में दो गड़बडिय़ां हो गई हैं। एक तो घायल युवक का नाम गलत हो गया है। दूसरे गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं दूसरी तरफ सिमरी की पुलिस भी पहले और दूसरे एफआईआर के बीच खेल रही है। नतीजा माला लंबा खींचता जा रहा है।