बक्सर खबर। डुमरांव महाराज कमल सिंह के निधन पर हरि जी के हाता स्थित बिस्मिल्लाह खां संगीत एकेडमी के सभागार में शोक सभा आयोजित की गई। मंगलवार को हुए कार्यक्रम में सबसे पहले उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। तत्पश्चात प्रलेस के जिला संरक्षक एवं ग़ज़लगो कुमार नयन ने कहा कि आज महाराजा बहादुर कमल सिंह के नहीं रहने पर पूरा जनपद अभिभावक विहीन हो गया है। महाराजा बहादुर बेहद अनुशासन प्रिय एवं भावुक इंसान थे। वे सादगी एवं ईमानदारी के प्रतीक थे। उनकी एकरेखीय कार्यप्रणाली हमारे जीवन के लिए ही नहीं, वरन सभी बुद्धिजीवियों एवं आम जनता के लिए भी प्रेरणास्रोत का कार्य करेगी। वे बेहद सरल इंसान थे। जहां कहीं भी अनुचित होता था, झुंझला उठते थे तथा हस्तक्षेप भी करते थे।
अध्यक्षता करते हुए प्रलेस के जिला सचिव डॉ बी एल प्रवीण ने कहा कि महाराजा बहादुर पूरे जनपद के लोगों के दिलों के सम्राट थे। उनका होना एक इतिहास था जो सदैव के लिए एक अमिट याद के रूप में जाना जाएगा। ऐसे महामानव जिन्हें सादगी, परिश्रमी एवं सिंद्धांतवादी के रूप में जाना जाता है, सबके लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। शोक सभा में एकेडमी की प्राचार्या कुमारी सुमन ने भी मर्माहत होते हुए कहा कि संगीत को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में महाराजा के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। शोक सभा में प्रलेस उपाध्यक्ष मीरा सिंह, उमाशंकर दूबे ‘अनुज’, शैलेन्द्र ओझा, मनोज पाठक, सरला कुमारी, पूजा कुमारी, मनोज जायसवाल, हिमांशु जयसवाल, बबलू आदि ने उपस्थित होकर अपने उद्गार प्रकट किए।