-बिहार सरकार की शराब बंदी को बापू ने सराहा
बक्सर खबर। संत मोरारी बापू ने चौथे दिन की कथा में कहा कि राम और कृष्ण दोनों जगत का कल्याण करते हैं। लेकिन, उनमें एक अंतर है। राम लोगों को तारते हैं। मानस में ऐसे शब्द आए हैं। जबकि भागवत में ऐसा उल्लेख आया है। कृष्ण लोगों का उद्धार करते हैं। हालाकि यह दोनों का अभिप्राय वहीं है। लेकिन, जन सामान्य के लिए। इनका अपना कुछ अलग महत्व भी है। उन्होंने बताया संवत 1631 में तुलसी दास जी ने नौमी तिथि को यह कथा लिखी थी। जिस दिन भगवान का प्राकट्य हुआ। उसी दिन रामचरित मानस का भी प्राकट्य हुआ है। उन्होंने कहा इसमें चार घाटों का वर्णन हुआ है। ज्ञान घाट, कर्म घाट, उपासना घाट, शरणागति घाट।
शराब बंदी की प्रशंसा की
बक्सर खबर। बापू ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि आज सुनने में आता है। 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग शाकाहारी नहीं रहे। यह भारत में क्या हो रहा है। लोगों को इससे दूर रहना चाहिए। यही नहीं नशे का सेवन भी नहीं करना चाहिए। यहां की सरकार ने शराब बंदी की है। उसकी प्रशंसा होनी चाहिए। मुझे राजनीति से क्या लेना देना। लेकिन, जो कार्य अच्छे हों। उसकी प्रशंसा होनी चाहिए।
पत्नी का न उड़ाए उपहास
बक्सर खबर। बापू ने कहा एक बार भारद्वाज ऋषि ने प्रयागराज में महर्षी से राम चरित्र के बारे में जानना चाहा। उन्हें याग्न वल्क ने कथा सुनाने के दौरान कहा। राम चरित्र जानने से पहले भगवान शिव की कथा सुननी चाहिए। इस दौरान सति का प्रकरण आया। जहां उन्होंने शिव और सति का संवादत सुनाते हुए कहा। कभी भी पति अपनी पत्नी का उपहास न उड़ाए। यह जीवन में बहुत जरुरी हैं। यह संदेश भगवान शिव ने स्वयं दिया है।