बक्सर खबर। बक्सर की तीन जगत विख्यात हैं। मिठाई में सोन पापड़ी, भोजन में लिट्टी – चोखा और स्थानों में रामरेखा घाट। यह बक्सर का सबसे पुराना और पौराणिक घाट है। नाम से ही ज्ञात हो जाता है कि इसका सीधा संबंध भगवान राम से है। आम जन में इसको लेकर एक कथा सर्व विदित है। भगवान राम जब किशोरा अवस्था में यहां आए। तब ताड़का वध से पूर्व यहां स्नान किया। साथ ही अपने वाण से घाट पर रेखा खींच प्रतिज्ञा ली। इस लिए इसका नाम रामरेखा घाट पड़ गया।
घाट की विशेषता: – यहां से होकर पवित्र गंगा नदी गुजरती है। कल-कल करती गंगा चौसा के रास्ते जब बक्सर नगर में प्रवेश करती हैं। इस नगर की महता अध्यात्मिक भू-पटल पर और भी बढ़ जाती है। बक्सर रेलवे स्टेशन से दो किलोमीटर दूरी पर गंगा किनारे यह प्रसिद्ध घाट है। बक्सर में जितने भी स्नान के मेले लगते हैं। वामन द्वादशी को छोड़ सबका मुख्य स्नान यहीं होता है। यहां भगवान राम द्वारा स्थापित शिवलिंग भी है। जिसे रामेश्वर मंदिर के नाम से लोग जानते हैं।