बक्सर खबर। बक्सर की मशहूर रामलीला इन दिनों शबाब पर है। आज गुरुवार को संध्या वेला में परशुराम-लक्षमण संवाद का मंचन हुआ। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में नर-नारी एकत्र हुए। एक दिन पहले बुधवार सीता स्वयंवर का आयोजन हुआ था। इसी दौरान भगवान शिव का धनुष श्रीराम जी के हाथों टूट गया। इतनी जोर से नाद हुई कि परशुराम जी आवाज सुन वहां पहुंच गए। वे पहुंचे तो आज के लीला प्रसंग में उनके और लक्ष्मण जी के बीच जो संवाद हुआ। उससे सुनने और देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
कृष्ण लीला के दौरान हुआ दामा पंथ नाटक का मंचन
बक्सर खबर। जैसा की पाठक जानते हैं। दिन में कृष्णलीला का मंचन होता है। इसी दौरान आज गुरुवार को दामा पंथ का मंचन हुआ। दामा एक नवाब के तहसीलदार थे। जहां उनकी ड्यूटी थी उस प्रांत में एक वर्ष सूखा पड़ गया। दामा जो भगवान बिट्ठल के भक्त थे। उन्होंने गोदाम खोल दिया। सारा अनाज भूखे लोग उठा ले गए। मुंशी ने यह खबर नवाब के यहां पहुंचाई। उसने दामा को फांसी पर चढ़ाने का हुक्म दिया। वे भगवान बिट्ठल की स्तुति करने लगे। भगवान नवाब के यहां दास के रुप में पहुंचे और अपनी झोली से उनका गोदाम अनाज से भर दिया। यह देख नवाब की आंखे खुली और उसने दामा को बख्श दिया। वह उनकी भक्ति से इतना प्रभावित हुआ कि स्वयं हिन्दू धर्म अपना लिया।