डुमरांव। तीस साल बाद एक बार फिर बारी समाज को एकजूट करने के का प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत रविवार को नगर भवन डुमरांव में बारी स्वजातीय महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मदन प्रसाद बारी व संचालन अमित कुमार ने किया। उद्घाटन मुख्य अतिथी गणेश प्रसाद, मदन बारी, महेन्द्र प्रसाद, प्रदेश बारी संघ अध्यक्ष रामधनी भारती, शशि भूषण सिंह, जगदीश मारूतीनंद प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इस मौके पर मुख्य अतिथी मदन बारी ने कहा कि अजादी के 70 वर्ष बाद भी हमारे दशा सोचनीय है। कोई आगे आ कर हमारे समस्याओं को नही उठा रहा है। बन की पतलो से दोना बनाने वाली हमारी जाति के लोगों को अनुसुचित जन जाति में शामिल नही करना।
हमारें अटूट का देन है। इसके लिए हम स्वंय जिम्मेदार है। हमारे जाति में आज भी शिक्षा का अभाव, बेराजगारी, आर्थिक गरीबी, श्रमशोषण, असंगठित होना ही हमारे पिछड़ेपन का मुख्य कारण है। अगर अब नही चेते हमारे समाज कि पिढ़िया सौ साल और पिछे जायेगी। इसलिए अपने हक के लिए एकजूट हो राजनीतिक भागीदारी में भी अपना हिस्से को लेकर तत्पर हों। कार्यक्रम में अनुमंडल के साथ प्रखंडों से 500 से अधिक बारी समाज के लोग उपसिथत हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में मदन प्रसाद बारी, मधुसुदन प्रसाद, रामायण बारी, उमाशंकर बारी, विनय कुमार, अमरेन्द्र, ज्योति कुमार, बसंत, कृपाल, जयशंकर, सुनिल कुमार, बृज बिहारी, लक्ष्मण प्रसाद, अजय शिक्षक, ललन, लालचंन्द्र अनिल विक्रांत समेत दर्जनों नगर के बारी समाज के युवक उपस्थित थे।