बक्सर खबर: यूं तो लोग खुद को पुलिस से बचते और बचाते चलते हैं। लेकिन सोचिए तब क्या होगा जब पुलिस खुद बचना चाहे और उसे बचने की राह न मिले। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है, लेकिन दिखता जरूर है। ऐसा ही एक वाक्या अपने शहर के टाउन थाना के सामने दो दिन पहले देखने को मिला। यहां कुछ युवा अड़े ही नहीं, ऐसा अड़े कि दरोगा को पांच सौ रुपये बतौर जुर्माना भरना पड़ा। दरोगा किसी और थाने के नहीं, बल्कि टाउन थाना के ही थे।
हुआ यह कि भाजपा युवा मोर्चा के रूपेश कुमार दुबे अपने दोस्त के साथ बाइक से टाउन थाना से गुजर रहे थे। थाने के सामने पुलिस वाले ने उन्हें रोक लिया। हेल्मेट नहीं पहने होने के कारण चालान काटने लगा। रूपेश ने जरूरी काम का हवाला दिया। कहा कि जल्दबाजी के चलते गलती हुई है। आईंदा नहीं होगी। पुलिस वाले ने रूपेश की एक न सुनी। झट से चालान काट दी। इसी बीच मामले ने नया मोड़ तब ले लिया जब रूपेश ने थाने में घुसने से पहले ही दरोगा रामेश्वर सिंह को देख लिया।
वह बाइक पर तीसरी सवारी के रूप में बैठे हुए थे। यह देखना भर था कि रूपेश झट से उनके पास पहुंचे और उनकी बाइक पकड़ ली। यही नहीं दरोगा की बाइक दिखाकर चलान काटने वाले पुलिस वाले से कहा, मेरा चालान तब कटेगा, जब दरोगा जी का भी कटेगा। कानून सबके लिए बराबर है। पहले तो चालान काटने वाले ने रौब गालिब करने की कोशिश की लेकिन रूपेश और अन्य युवाओं के अड़ जाने पर मामला बिगड़ता देख दरोगा की चालान काट दी। जहां रूपेश को हेल्मेट नहीं पहने होने के कारण तीन सौ रुपये का जुर्माना भरना पड़ा। वहीं दरोगा को ट्रिपलिंग मामले में 500 रुपये बतौर जुर्माना भरना पड़ा।