बक्सर खबर। अंचल कार्यालयों में धांधली की शिकायत कोई नई नहीं है। लेकिन, ऐसा कम ही होता है। उनकी कारगुजारी उजागर हो पाती है। फिलहाल ऐसे ही एक मामले में सच सामने आया है। जिसकी शिकायत जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से की गई थी। तीन माह तक चली सुनवाई में गैर अधिकारिक छेड़छाड़ करार दिया है। साथ ही दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई और त्रुटि में सुधार का निर्देश दिया गया है। हांलाकि भूल सुधार कर लिया गया है। लेकिन, कार्रवाई नहीं हुई है। जो धांधली सामने आई है। वह बगैर अधिकारी के संभव नहीं। लेकिन, विभागीय निर्देश में इसकी अनदेखी की गई है। सूचना के अनुसार शहर के मठिया मुहल्ला के रहने वाले त्रिलोकी प्रसाद यादव ने इसकी शिकायत अंचल पदाधिकारी से सितम्बर माह में की थी।
बावजूद इसके उनकी जमाबंदी से छेड़छाड़ करते हुए दूसरे के नाम से रसीद काट दी गई। पुन: इसकी शिकायत उन्होंने 18 तारीख को डीएम और मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी। वहां से उसी दिन जवाबी मेल प्राप्त हुआ। जिसे देखते हुए अंचल कार्यालय से पुन: रसीद को सुधार दिया गया। जिसे गुलाली देवी की नाम की जगह चिन्मामणी देवी के नाम से किया गया था। लेकिन, तीन दिन बाद पुन: छेड़छाड़ की गई। संयोगवश इस छेड़छाड़ की प्रति शिकायतकर्ता ने साइट से निकाल ली। लोक शिकायत पदाधिकारी के यहां साक्ष्य स्वरुप वह दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए। नतीजन अंचल कार्यालय में व्याप्त धांधली उजागर हो गई। शिकायत कर्ता ने इसके लिए सदर अंचल पदाधिकारी सत्येन्द्र प्रसाद व राजस्व कर्मचारी कृष्ण मुरारी ओझा को दोषी बताया है। लेकिन, इसके लिए कार्रवाई किसपर होती है। तो आने वाला वक्त ही बताएगा।