बक्सर खबर। साबित खिदमत फाउंडेशन और मानव अधिकार एवं सामाजिक न्याय ने संयुक्त रूप से 76 वां गणतंत्र दिवस स्थानीय चीनी मिल स्थित साबित खिदमत फाउंडेशन के प्रांगण में बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया। समारोह को संबोधित करते हुए डॉ दिलशाद आलम ने कहा कि भारत आज हर क्षेत्र में तरक्की के नए आयाम स्थापित कर रहा है, जिससे विदेशी ताकतों को भी यह संदेश मिल रहा है कि भारत अपनी प्रगति में अडिग है। उन्होंने सोशल मीडिया के फर्जी प्लेटफॉर्म्स पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे बच्चों को गलत रास्ते पर ले जाने वाला बताया और इसे सुधारने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ आलम ने कहा कि मानव अधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा किए जा रहे ऐतिहासिक कार्य मानव जीवन के उद्धार में सहायक साबित हो रहे हैं। उन्होंने रूस-यूक्रेन और हमास-इजरायल की लड़ाई का जिक्र करते हुए भारत को विश्व शांति का प्रतीक बताया और धर्मनिरपेक्षता को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज में धर्म और जाति से ऊपर उठकर अपने मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करते हुए मानवता का कल्याण करना चाहिए।
राष्ट्रीय कविताओं और गीतों से सजी महफिल – मशहूर गीतकार गुलाम ख्वाजा ने अपने राष्ट्रीय गीतों से महफिल में चार चांद लगा दिए। वहीं, राष्ट्रीय कवि साबित रोहतास्वी ने वीर और वीरांगनाओं को याद करते हुए उन्हें नमन किया, जिन्होंने अपनी कुर्बानी देकर देश को स्वतंत्रता दिलाई। संस्था के प्रयास और भविष्य की योजनाएं- डॉ दिलशाद आलम ने बताया कि साबित खिदमत फाउंडेशन पिछले 10 वर्षों से झंडातोलन के इस पवित्र कार्य को निभा रहा है। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में और अधिक योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि संस्था स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम करती रहेगी।
इस मौके पर संस्था के निदेशक डॉ दिलशाद आलम के साथ इंटरनेशनल शायर एवं कवि साबित रोहतास्वी, अधिवक्ता हमीद रजा, डेंटल सर्जन डॉ खालिद राजा, डॉ मुर्शिद रजा, मशहूर गीतकार एवं संगीतकार गुलाम ख्वाजा, निसार अहमद समेत संस्था के कई प्रमुख कार्यकर्ता और गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उपस्थित व्यक्तियों में मोहन मदन शाह, विजय कुमार सिंह, नासिर हुसैन, इम्तियाज हुसैन, नसीम अंसारी, मनीष कुमार पांडेय, अंजलि, सोनम और रुकसाना समेत अन्य कई कार्यकर्ता और स्टाफ ने समारोह की शोभा बढ़ाई।