बक्सर खबर। हिंदी साहित्य जगत के शिव कहे जाने वाले आचार्य शिवपूजन सहाय की जयंती शुक्रवार को शहर के चरित्रवन में मनायी गई। ज्ञात हो कि आचार्य जी का जन्म 9 अगस्त 1893 को बक्सर जिले के उनवास गांव में हुआ था। वे बहुत बड़े साहित्यकार रहे हैं। उन्हें हिंदी की सूरत गढ़ने का श्रेय दिया जाता है। सर्वप्रथम आचार्य जी के तैलचित्र के समक्ष मुख्य अतिथि भोजपुरी गायक गोपाल राय, गंगा समग्र के चंद्रभूषण ओझा, मनोचिकित्सक डॉ. कन्हैया मिश्रा, डॉ. बी. दुबे और कांग्रेस के राजारमन पांडे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया।
तत्पश्चात उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि कर आचार्य जी को याद किया। उक्त अवसर पर भोजपुरी और शिवपूजन सहाय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। अंखुआ संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्षता साहित्यकार पंकज भारद्वाज और संचालन आशुतोष दुबे ने किया। सबसे पहले शिक्षाविद अखिलेश पांडे ने राष्ट्रकवि दिनकर की बातों का उल्लेख किया, जिसे दिनकर ने आचार्य जी के निधन पर कहा था कि “मेरे पूरे शरीर को सोने से सुसज्जित करने पर भी मेरे जीवन में आचार्य शिवपूजन सहाय की कमी पूरी नहीं हो सकती।” वहीं गायक जितेंद्र कुमार ने भोजपुरी संगीत में अश्लीलता से लड़ने के लिए अच्छे नवगायकों को अंकुरित करने व उनकी हौसला आफजाई करने की बात कही। युवानेता प्रभाकर मिश्रा ने आचार्य जी जैसे बड़े धरोहर को अपने जिले के लिए गौरव बताया। मुख्य अतिथि गायक गोपाल राय ने भोजपुरी अश्लीलता का जिक्र न करने की सलाह देते हुए भोजपुरी के अच्छे गीत-संगीत को प्रचारित करने व अच्छे गायकों को सुनने और उनकी हौसला बढ़ाने की बात कही। इस दौरान उन्होंने एक गीत भी प्रस्तुत किया। संगोष्ठी में सभी ने एकमत से बक्सर स्टेशन रोड का नामकरण आचार्य शिवपूजन सहाय के नाम पर करने की माँग की। धन्यवाद ज्ञापन ऋषिकेश त्रिपाठी ने किया। अन्य उपस्थित लोगों में गायक गोलू गोसाई, युवानेता ओमजी मिश्रा, कायस्थ नेता रवि सिन्हा, मनोज राय, एम.भी. कॉलेज के डॉ. अमित मिश्रा, गौतम पाठक, उदय प्रताप, चंदन कात्यान, डॉ. बी. दुबे, शिवम पाठक, राजीव रंजन, सुनील पाठक, अवनीश कुमार पांडे, कृष्णानंद राय, दीपक सिंह, विपुल राय, आदित्य कुमार पांडे, मुन्ना कुमार, शिवजी दुबे, आदि रहे।
बहुत ही उचित मांग। मैं समर्थन करता हूं।