बक्सर खबर। पशु और मनुष्य में क्या अंतर है। आहार, निद्रा, भय, मैथुन यह तो मनुष्य और पशु दोनों में समान है। हमारे संस्कार ही हमें पशु से अलग करते हैं। जो हमें धर्म से प्राप्त होता है। यह बातें पूज्य जीयर स्वामी जी महाराज ने शनिवार को अपनी कथा के दौरान सदर प्रखंड के करहसी गांव में कहीं।
उन्होंने उपस्थित जनमानस को आम भाषा में समझाते हुए कहा संस्कार अर्थात चरित्र। चरित्र निर्माण के लिए धर्म की शिक्षा और उससे जुड़ाव बहुत जरुरी है। आज समाज के पास सबकुछ है। लेकिन, चरित्र के लोप का परिणाम आपके सामने है। अगर चरित्र नहीं है तो आप पशु तुल्य हैं। यहीं आपको सबसे अलग करता है। अर्थात महान बनाता है। जिसकी शिक्षा धर्म से ही संभव है। आप यह भी कह सकते हैं नैतिकता की शिक्षा ही धर्म है।
दोपहर में होता है स्वामी जी का दर्शन
बक्सर खबर। पूज्य जीयर स्वामी जी प्रयागराज से चलकर सीधे बक्सर के करहंसी गांव पहुंचे हैं। यहां 7 मार्च तक भागवत कथा कहेंगे। इस बीच उनसे मिलने वाले श्रद्धालुओं का समय दोपहर 1 से 2 बजे के मध्य रखा गया है। इसके उपरांत 4:30 से 5:30 के मध्य उनकी कथा होगी। सूचना के अनुसार दोपहर 2 से 4 बजे तक मुक्तिनाथ स्वामी की कथा भी हो रही है। करहंसी गांव जाने का मार्ग पांडेयपट्टी रेलवे क्रासिंग से होकर जाता है।