–साहित्य और समाज सेवा के प्रेरणास्रोत को श्रद्धासुमन बक्सर खबर। साहित्यकार, कवि एवं समाजसेवी डॉ. ओमप्रकाश केशरी “पवननंदन” के आकस्मिक निधन पर स्थानीय पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान को स्मरण करते हुए गहरी संवेदना प्रकट की गई। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता पूर्व प्रचार्या डॉ हिंग्मणी ने की, जबकि कार्यक्रम का संयोजन शिक्षाविद गणेश उपाध्याय एवं पत्रकार डॉ शशांक शेखर ने संयुक्त रूप से किया। सभा के दौरान डॉ. पवननंदन के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। वक्ताओं ने डॉ. पवननंदन को “सरस्वती का वरद पुत्र” बताते हुए कहा कि उनके निधन से साहित्य जगत को गहरा आघात लगा है।
वरिष्ठ साहित्यकार एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ महेंद्र प्रसाद ने कहा कि वे हर महापुरुष, स्वतंत्रता सेनानी, ऋषि-मुनियों की जयंती और पुण्यतिथि पर विशेष आयोजन करते थे और अपने जन्मदिन को ‘भाईचारा दिवस’ के रूप में मनाते थे। डॉ शशांक शेखर ने कहा कि उन्होंने जिले के साहित्यकारों, कवियों और लेखकों को संगठित कर नियमित साहित्यिक बैठकों की परंपरा शुरू की थी, जो अब अधूरी रह गई। वे साहित्य, कविता और समाज सेवा में इतने समर्पित थे कि उन्हें सौ से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। श्रद्धांजलि सभा में मशहूर चिकित्सक व रोटरी क्लब के पूर्व डीजी डॉ सीएम सिंह, साहित्यकार वरिष्ठ पत्रकार एवं वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा, साहित्यकार शिव बहादुर पांडेय प्रितम, शिव बिहारी पांडेय, श्रीभगवान पांडेय निराश, रामेश्वर मिश्र बिहान, कवि उमेश पाठक, शिक्षाविद निर्मल कुमार सिंह, डॉ रमेश कुमार, वीएल प्रवीण, आरडी सिंह, समाजसेवी दिनेश जायसवाल, सिद्धेश्वरानंद बक्सरी, भुवाल जी, पूनम कुमारी, नीलम श्रीवास्तव, आरती गुप्ता सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। डॉ. पवननंदन का जीवन साहित्य, कविता और समाज सेवा को समर्पित था। उनके योगदान को याद करते हुए सभा में उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि वे उनकी साहित्यिक और समाजसेवी विरासत को आगे बढ़ाएंगे।