बक्सर खबर। भारतीय संस्कृति पंपराओं में बसी है। जिन्हें व्रत विधान व पूजन का स्वरुप दिया गया है। इसी कड़ी में सोमवार को वट सावित्री पूजा का व्रत महिलाओं ने रखा। धार्मिक मान्यता अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह व्रत मनाया जाता है। जिसमें सौभाग्यशाली महिलाएं अपने सौभाग्य में वृद्धि एवं पुत्र प्राप्ति के लिए पूजन करती हैं। व्रत के दौरान वट अर्थात पीपल के पेड़ की पूजा होती है। उसे जल देते हैं और परिक्रमा कर उसमें सूत भी लपेटती हैं।
पूजन के दौरान सावित्री और सत्वान की कथा का स्मरण भी किया जाता है। सावित्री भारतीय नारीत्व की प्रतीक हैं। आज भी लोग सति-सावित्री का उदहरण देते हैं। यह व्रत विधान महिलाओं को अपने गौरव मयी अतीत का स्मरण कराता है। इसे कब और किस तिथि को मनाया जाए। उसको लेकर कुछ मतैक्य भी सामने आते रहे हैं। लेकिन तिथि बदलने से व्रत विधान में कोई परिवर्तन नहीं होता।
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