बक्सर खबर। लगातार भ्रष्टाचार की मिल रही शिकायतों को लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर गत शुक्रवार की शाम सदर एसडीओ केके उपाध्याय ने परिवहन विभाग में छापेमारी की। विभाग में उनके पहुंचते ही भगदड़ मच गई। जांच के क्रम में वहां काम करने वाले तीन ऑपरेट के पास से जो रुपये मिले, उसका हिसाब तीनों नहीं दे सके। इस एसडीओ ने तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया।
जिले से परिवहन मंत्री के होने के बाद भी जिला परिवहन विभाग पर पूरी तरह से दलालों का कब्जा हो चुका है। चाहे गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कराना हो या डीएल बनवा हो, सभी के लिए तय फीस से कई गुना ज्यादा रुपये देने के बाद ही लोगों का काम होता है। इतना ही नहीं यहां सारे नियम को धत्ता बताते हुए आम जतना से रुपये ऐंठा जाता रहा है। भ्रष्टाचार के इस खेल की जानकारी लगातार लोग जिलाधिकारी को दे रहे थे। आम लोगों से मिलने वाली इन शिकायतों को देखते हुए जिलाधिकारी ने एसडीओ को कार्रवाई का निर्देश दिया था। इसी निर्देश के आलोक में एसडीओ केके उपाध्याय ने छापेमारी की। उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में लोगों की शिकायतें सही पाई गईं। विभाग में काम करने वाले दो डाटा एंट्री ऑपरेटर और एक प्रोगाम ऑपरेटर के पास से जो रुपये बरामद हुए, उनके बारे में तीनों हिसाब नहीं दे सके। इस पर उन तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। लेकिन सवाल यह है कि यदि वे रुपये खुद के लिए ले रहे हैं या किसी और के लिए। क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए?