-दिवाली और छठ के संगम से अनूठी होती है शहर की छटा
बक्सर खबर। अपना शहर अलबेला है। बात जब संस्कारों की हो अथवा धार्मिक त्योहारों की। इसकी आभा देखते बनती है। छठ का चार दिवसीय त्योहार गुरुवार को संपन्न हो गया। इस दौरान जगमग करती शहर की गलियां और आस्था से सराबोर लोग। दिवाली व दुर्गा पूजा दोनों की याद दिला रहे थे।
सिद्धाश्रम की आभा अगर आपको देखनी हो तो इन तस्वीरों में उसका अनुमान लगा सकते हैं। शहर के जेल घाट से लेकर अहिरौली घाट तक हर जगह प्रकाश पर्व सा नजारा देखने को मिल रहा था। जगह-जगह प्रशासनिक केन्द्र, लोगों की सहायता के लिए स्थानीय लोगों और समाजसेवियों द्वारा बनाए गए स्टाल।
दूध, पानी, चाय, दवा, दातुन सब कुछ जगह-जगह बंट रहा था। इसे देखने वाले एक बार सोचने को मजबूर हो जाते हैं। यह वही बक्सर है जिसे धर्म की नगरी कहा जाता है। कार्तिक मास के दौरान त्योहारों की धूम और आध्यात्मिक शक्तियों का प्रभाव। रोम-रोम में ऊर्जा का संचार करता है।
विशाल रामरेखा घाट पर उमड़े लोग। उनके रंग बिरंगे परिधान और हाथों में टीम-टीमाते आस्था के दीप। अदभूत नजारा पेश करते हैं। त्योहार गुजर चुका है। लेकिन, इसकी स्मृतियां इन तस्वीरों के माध्यम से आप अपने जेहन में सहेज सकते हैं।