बक्सर खबर : नंदन गांव में जिस समय मुख्यमंत्री के काफिले पर पथराव हुआ। वहां मौजूद लोग अवाक रह गए। महिलाएं, किशोर और युवा सभी ईट और पत्थर फेंक रहे थे। उनकी शिकायत थी। जिस तरह सीएम को जाना था। उधर तो काम हुआ। गांव के शेष हिस्से को उसी तरह छोड़ दिया गया। लेकिन जिस तरह आक्रोशित लोगों ने अपना गुस्सा निकाला। वह कहीं से भी उचित नहीं था। इस गांव को जिन लोगों ने विकास के लिए चुना वे अब अफसोस कर रहे होंगे।
गांव के लोग स्वयं गलियों का अतिक्रमण करते हैं। नाली का पानी गली में बहाते हैं। पड़ोस के दो लोग आपस में झगड़ा करते हैं। मना करने आरोप दूसरे पर मढ़ते हैं। वही हाल नंदन में हुआ। एक तरफ सरकारी अधिकारियों ने काम किया। गली और नाली को साफ किया तो गांव के दूसरे हिस्से के लोग नाराज हो गए। गुस्सा भी निकाला तो मुख्यमंत्री पर। अब देखिए इसका परिणाम क्या होता है।