बक्सर खबर : वर्ष 2017 काफी खूंखार रहा। हमारे पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष कुल 53 हत्याएं हुई। जिसमें सर्वाधिक खूंखार हादसे अप्रैल माह में हुए। महज दो दिनों में छह लोगों की हत्या कर दी गई। एक हत्या पारिवारिक कलह का परिणाम रही। दूसरी पूरी तरह से आपराधिक घटना। हालाकि वर्ष 2016 का अंत भी दो बड़ी घटनाओं के साथ हुआ था। 30 दिसम्बर को एलबीटी कालेज से कलर्क नवीन राय की हत्या कर दी गई। साथ ही 30 दिसम्बर की रात केन्द्रीय जेल से पांच खूंखार कैदी भाग निकले। इन घटनाओं ने उसी समय एहसास करा दिया था। वर्ष 2017 शांत नहीं रहेगा। हुआ भी वहीं पूरे वर्ष में कुल 53 लोग अपराध और घरेलू हिंसा के शिकार हुए।
वर्ष की पहली और चर्चित घटना नया बाजार से सटे मलहचकियां गांव में हुई। जहां घर में सो रहे स्टेशन मास्टर मनबोध सिंह की हत्या कर दी गई। इसके अलावा अनेक हत्याएं हुई। जिसकी वजह से पुलिस को हमेशा जन आक्रोश का सामना करना पड़ा। दहेज के लिए पांच हत्या हुई। एक जगह तो आनर किलिंग का मामला भी सामने आया। इस दरम्यान दो जगह पत्नियों ने साजिश कर अपने पति की हत्या करा दी। सबसे भयावह रहा अप्रैल का महीना। नैनीजोर में मुखिया के भतीजे की हत्या कर दी गई।
घटना के अगले ही दिन ब्रह्मपुर थाना के बसवर गांव में चाचा ने अपने दो अबोध भतीजे और भाभी की गला रेत हत्या कर दी। हालाकि आगे चलकर वह गिरफ्तार कर लिया गया। यह घटना 12 अप्रैल की रात हुई। अगले ही दिन अर्थात 13 अप्रैल की रात बड़ी घटना हो गई। राजपुर के लक्ष्मणपुर गांव में अपराधियों ने तीन लोगों की हत्या कर दी। इसी गांव में कभी जिले के मोस्ट वांटेड अपराधी सुरेश राजभर का एनकाउंटर हुआ था। पुलिस आज तक इस मामले में पीडि़तों का न्याय नहीं दिला सकी। दिसंबर की सबसे चर्चित घटना विनोद कुशवाहा की हत्या रही। जिसकी आग अभी ठंडी नहीं हुई है।