बक्सर खबर । शराब पर पाबंदी लगा सरकार ने आम जनजीवन को पटरी पर लाने की दिशा में ठोस कार्रवाई की है। लेकिन शराब बंदी प्रशासन के लिए फजीहत का पिटारा बन गई है। एक खत्म नहीं होता दूसरा मामला सामने आ जाता है। इस वजह से पुलिस का एक पांव अस्पताल में दूसरा कचहरी में। लेकिन, इस परेशानी को जड़ से समाप्त करने की सार्थक कोशिश नहीं हो रही। शराब पीने वाले पकड़े तो जा रहे हैं। लेकिन बेचने वालों पर नजर नहीं रखी जा रही। नतीजा शहर में कई जगह अघोषित बार चल रहे हैं। हम आपको लिए चल रहे हैं खलासी मुहल्ला की तरफ। इस मुहल्ले में अधिकांश लोग कमाने-खाने वाले हैं। नतीजा शराब मिल गई तो सड़क पर भी लेट जाने में कोई गुरेज नहीं है। आजकल रोज पीने को मिलती नहीं। जब मिल गई तो दो पैक ज्यादा लगा लिया।
यह हाल सिर्फ वहीं का नहीं है। मुसाफिर गंज, गजाधर गंज, नालंबद टोली, सोहनी पट्टी, नया बाजार कई इलाके ऐसे हैं। जहां यह कारोबार होता है। अगर शहर में बार चलेंगे तो पीने वाले अपनी तलब मिटाने से क्यूं गुरेज करेंगे। जब शराब मिलेगी गली तो क्यूं न पीए सरफात अली। यह अलफाज हैं उसके जो सड़क पर पी कर झूमते हुए निकलता है। इसके लिए पुलिस से भी ज्यादा जिम्मेवार उत्पाद विभाग है। क्योंकि उसके लोग शराब बेचने वालों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे। वहीं नगर कोतवाल का दावा है। हमारा फोन चौबीस घंटे खुला है। कोई भी व्यक्ति सूचना दे हम तुरंत कार्रवाई करेंगे।