-जाने ग्रहण का समय व किस राशि पर होगा क्या प्रभाव
बक्सर खबर। कार्तिक मास में दो ग्रहाण लग रहे हैं। अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण तथा पूर्णिमा के दिन चन्द्र ग्रहण। एक माह के दौरान दो ग्रहण अनिष्ट संकेत का दोत्तक है। जिसका प्रभाव पूरी पृथ्वी पर पड़ेगा। यह जानकारी सोमवार को ज्योतिषाचार्य नरोत्तम द्विवेदी ने दी। उन्होंने कहा कि ऐसा वर्णन महाभारत काल में भी मिलता है। इस माह में 25 अक्टूबर को खण्डग्रास सूर्यग्रहण और 8 नवंबर को सर्वग्रास यानि खग्रास चन्द्रग्रहण लगेगा। दोनों ग्रहण का दिन भी मंगलवार है। जो पृथ्वी पर तरह-तरह के आपदा ,प्राकृतिक और भौतिक आपदा का सूचक है। प्राकृतिक आपदा में भूकंप, भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट, तूफान, सुनामी आदि तथा भौतिक आपदा में युद्ध, विस्फोट आदि की संभावना पूरे संवत्सर रहेगी।
जाने सूर्य ग्रहण का समय एवं राशि पर पड़ने वाला प्रभाव
बक्सर बखर। दिनांक–25/10/2022
स्वाति नक्षत्र और तुला राशि पर ग्रस्तास्त खण्ड सूर्यग्रहण काशि सायंकाल 04:42 स्पर्श, ग्रहण मध्य 05:14, मोक्ष 05:22 सूर्यास्त। कुल ग्रहण अवधि40 मिनट।
स्वाति नक्षत्र तुला राशि वालों को यह ग्रहण नहीं देखना चाहिये। बक्सर में 04:42 से 05:18 तक सूर्यग्रहण दीखेगा। सूर्यास्त समय होने से ग्रहण खुली आंख से भी दीखेगा। पूरे विश्व में भारतीय समयानुसार ग्रहण प्रारम्भ 11:28 दिन से सायंकाल 06:33 तक दीखेगा। भारत के अलावा अधिकांश यूरोप ,उत्तरी अफ्रीका, मध्यपूर्व और पश्चिम एशिया के देशो में दीखेगा।
राशिनुसार ग्रहण फल-
मेष-स्त्री पीड़ा।
वृष-सुख वृद्धि।
मिथुन-चिन्ता,व्याकुलता।
कर्क-व्यथा,निराशा।
सिंह-श्री प्राप्ति,धनलाभ।
कन्या-हानि,क्षति भय।
तुला-घात,शत्रुभय।
वृश्चिक-धन हानि।
धनु-लाभ।
मकर-सुख वृद्धि।
कुंभ-मान हानि।
मीन-मृत्यु तुल्य कष्ट,अरिष्ट भय।
दिनांक-08/11/2022को लगने वाला चन्द्र ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि पर लग रहा है। ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 10 मिनट रहेगी। बक्सर में सायंकाल 05:06बजे से 06:16 तक दीखेगा। यह ग्रहण एशिया, आस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, उत्तर पूर्व यूरोप के कुछ भाग तथा दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश भाग से दिखाई देगा। पूरे विश्व में ग्रहण 01:32 दोपहर भारतीय समय से रात्रि 07:27 बजे तक रहेगा। भारत में सब जगह 1 घंटा 10 मिनट ही दीखेगा।
राशिनुसार ग्रहण फल–
मेष-आघात भय,शत्रु पीड़ा।
वृष-हानि।
मिथुन-लाभ।
कर्क-सुख वृद्धि।
सिंह-मान नाश।
कन्या-मृत्यु तुल्य कष्ट,अरिष्ट।
तुला-स्त्री पीड़ा।
वृश्चिक-सुख वृद्धि।
धनु-चिन्ता।
मकर-व्यथा।
कुंभ-लक्ष्मी कृपा,लाभ।
मीन-क्षति,हानि भय।
ग्रहण सूतक-सूर्यग्रहण का सूतक दृश्य समय से 12घंटे पूर्व और चन्द्रग्रहण सूतक दृश्य समय से 9 घंटे पूर्व लग जाता है। सूतक में मंदिर प्रवेश, मूर्ति स्पर्श, भोजन,मैथुन,यात्रा वर्जित है। बालक, वृद्ध, रोगी अत्यावश्यक में पथ्याहार ले सकते है। भोज्य सामग्री जैसे दूध, दही, घी इत्यादि में कुश रख देना चाहिए। गर्भवती महिलाएं पेट पर गाय के गोबर का लेप लगावें। ग्रहण अवधि में मंत्र जप से संक्षिप्त पुरश्चरण हो जाता है।मंत्र जागृत हो जाता है।शास्त्रों में ग्रहण स्पर्श स्नान, मध्य स्नान और मोक्ष स्नान का भी विधान बतलाया गया है।