24 वां स्थापना दिवस समारोह में नाटक के माध्यम बच्चों ने समाज को दिया संदेश बक्सर खबर। शहर के बाइपास रोड स्थित बिहार सेन्ट्रल स्कूल का 24 वां स्थापना दिवस समारोह विद्यालय परिसर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समारोह में छात्र-छात्राओं ने नाटक के माध्यम से समाज को संदेश देने का काम किया। समारोह में बच्चों ने भजन गीत व देशभक्ति गीतों पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किये। अगले वर्ष विद्यालय अपना रजत जयंती समारोह मनाएगा जिसको लेकर विद्यालय परिवार में अभी से उत्साह का माहौल बना हुआ है। विद्यालय सचिव सरोज सिंह ने नए सत्र वर्ष 25 – 26 के एडमिशन को लेकर घोषणा किया कि रजत जयंती समारोह पर सभी छात्राओं का नामांकन निशुल्क व छात्रों का एडमिशन 50% की छूट पर किया जाएगा। मुख्य अतिथि सह विद्यालय निदेशक आर भीवी सिंह और उपनिदेशक उर्मिला सिंह, प्राचार्य डॉ आर राघवन सचिव सरोज सिंह ने संयुक्त रूप दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।
24 वां स्थापना दिवस समारोह में बच्चों ने नाटक के माध्यम दिया समाज को दिया संदेश – कक्षा सात, छः, आठ, नौ के बच्चे सौरभ, पियूष , किशन राज, आर्यन राज, हरिओम पाण्डेय, अंशिका, कंचन व अनन्या ने समाज को खासकर बच्चों की सोशल मीडिया के गिरफ्त में आने और इसके दुष्प्रभाव को नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। दूसरा नाटक सिनारियो ऑफ स्कूल था। इसके माध्यम से वर्ग आठ के छात्र पंकज, रोहित, आदित्य, नमन, अंकित व निर्भय पाण्डेय ने विद्यालय व छात्रों के बीच असंतुलित हो रहे संबंधों को रेखांकित किया। उक्त अवसर पर डुमरांव स्थित बिहार सेंट्रल स्कूल की दूसरी शाखा पाथवेज वर्ल्ड स्कूल के निदेशक डॉ आर राघवन , प्राचार्य नेहा सिंह, स्कूल के शिक्षक व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
समारोह को संबोधित करते हुए विद्यालय निदेशक ने कहा कि सन् दो हजार में इस विद्यालय की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया गया। स्थापना के पीछे पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों में सामाजिक मूल्यों को सींचना व नैतिक मूल्यों में रुपान्तरित करना ही मूल उद्देश्य था। शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित न रहकर वह बच्चों के सर्वांगीण विकास की परिचायक बने साथ ही उनमें उच्च मूल्यों की स्थापना करना जो उन्हें एक गरिमामयी और आदर्श जीवन जीने की कला में पारंगत करें। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन का वह पत्र निश्चित रूप से पढ़ना चाहिए जिसे उन्होंने अपने पुत्र के शिक्षक हेतु लिखा था, वह एक पत्र नहीं बल्कि शिक्षक में शिक्षा के प्रति समर्पण व इसके मूल सिद्धांतों का प्रतिपादन है जिसे नैतिक रूप से प्रत्येक शिक्षक को पढ़कर स्वयं में आत्मसात कर बच्चों को उसी तरह शिक्षा प्रदान करना है। विद्यालय सचिव सरोज सिंह कहा कि विद्यालय की शुरुआत एक आधारभूत उद्देश्य को लेकर हुई है जिसे हम प्रत्येक वर्ष अपनी तमाम कोशिशों से प्राप्त करने की यथासंभव प्रयास करते हैं। एक सकारात्मक आशा व समर्पण के साथ, साथ ही हम लोग अगले वर्ष विद्यालय के स्थापना की रजत जयंती एक नए कलेवर व नूतन संकल्प के साथ सभी अभिभावकों, बच्चों व शिक्षकों के साथ मनाएंगे।कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से शुरू हुई जिसे अदिति व कंचन ने प्रस्तुत किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शिक्षक विनय तिवारी ने विद्यालय के सभी शिक्षक, एंकर बनी छात्राओं, विद्यालय के प्रतिभागी, छात्रों व अभिभावकों को धन्यवाद दिया वह अगले वर्ष सिल्वर जुबली के समारोह में आने के लिए आमंत्रित किए।