‌‌‌ पुष्प वाटिका में पहली बार एक दूसरे के सामने आए सीया और राम

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– पूज्य खाकी बाबा सरकार की स्मृति के रूप में जाना जाता है उत्सव
-मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास जी महाराज पधारे
बक्सर खबर। सीता-राम विवाह महोत्सव के छठे दिन पुष्प वाटिका की लीला प्रसंग जीवंत स्वरूप शहर के लोगों ने देखा। जिसमें नया बाजार आश्रम के महंत पूज्य राजाराम शरण जी महाराज स्वयं माली बनते हैं। उनको देख लोग पूज्य मामा जी को याद करते हैं। जब तक वे यहां सदेह विद्यमान रहे। वे स्वयं ही इस लीला में शामिल होते थे।

इस वर्ष उत्सव का आनंद लेने के लिए मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास जी महाराज भी पधारे। इस उत्सव की एक और विशेषता है। बक्सर में राम विवाह का श्रीगणेश करने वाले खाकी बाबा सरकार की स्मृति में पुष्पांजली कार्यक्रम होता है। इसी लिए इसे गुरुदेव स्मृति महोत्सव भी कहा जाता है। यह उत्सव का 55 वां वर्ष है।

पुष्प वाटिका का प्रसंग देखते राजेन्द्र दास जी महाराज

कथा प्रसंग में राम विवाह के उपरांत अयोध्या लौटी भगवान
बक्सर खबर। राम विवाह महोत्सव के दौरान देश के महान विद्वान व कौशलेश सदन अयोध्या के पीठाधीश्वर विद्या भास्कर जी श्री रामायण जी की कथा कह रहे हैं। बुधवार के प्रसंग में विवाह के उपरांत अयोध्या लौटने का प्रसंग सुनाया। वहां पहुंचने पर दशरथ जी द्वारा उनके राज्याभिषेक व उसके उपरांत माता कैकई जी द्वारा राज्य न देने वाले प्रसंग का उल्लेख किया। इस दौरान बसांव पीठाधीश्वर अच्युत प्रपन्नाचार्य, महाराज वृंदावन के महंत बनवारी दास जी, महाराज बृज बिहारी शरण जी, महाराज जनकपुर के मखाना बाबा, आचार्य स्वामी बनवारी लाल जी शर्मा. स्वामी फतेह कृष्ण शास्त्री समेत अनेक भक्त और संत उपस्थित थे।

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