बक्सर खबर। सोमवती अमावस्या सोमवार को मनायी जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक सदी के बाद ऐसा मुहूर्त आया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी तिथि को भगवान सूर्य के छाया पुत्र भगवान शनि का जन्म हुआ था। इस तिथि को गंगा स्नान, दान आदि करने का विधान है। स्नान के उपरांत लोग काले वस्त्र का आसन दे शनि देव की पूजा करते हैं। जिन राशियों पर शनि का कू प्रभाव हो। उन्हें पूजन का विशेष लाभ प्राप्त होता है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरोत्तम द्विवेदी बताते हैं कि आज रविवार अपराह्न 4: 39 से ही तिथि का प्रभाव प्रारंभ हो गया है।
जो सोमवार अर्थात 3 जून को दोपहर 3: 31 तक रहेगा। इस समय अवधि के बीच स्नान दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। ऐसा संयोग 30 मई 1870 को बना था। लगभग डेढ़ सौ साल बाद यह मौका आया है। इस तिथि को स्नान पूजन के बाद महिलाएं पीपल के वृक्ष में धागा लपेट मंगल कामना करती हैं। ऐसी लोक मान्यता है। शनि देव न्याय व धर्म के देवता हैं। वे अच्छा कार्य करने वाले को पुण्य फल एवं गलत कार्य करने वालों को दंड देते हैं। सोमवार का दिन उनके गुरू शिव की दिन है। इस लिए इस तिथि को पूजन करने वालों पर उनकी विशेष कृपा होती है। इसी लिए इसका नाम सोमावती अमावस्या प्रचलित है।