बक्सर खबर। कृष्णाब्रह्म थाना के सोवां गांव में शुक्रवार की रात नंद बिहार चौधरी की हत्या कर दी गयी थी। पैसठ वर्ष के यह अधेड़ व्यक्ति पहले सोवां उच्च विद्यालय में आदेशपाल हुआ करते थे। सेवानिवृत हो जाने के बाद भी उसी गांव में रहते थे। विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक पाठक जी ने उनकी नौकरी लगाई थी। वे उन्हीं के यहां रहकर घर का कामकाज किया करते थे। उसी दरवाजे पर किसी ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इस आरोप में पुलिस ने गृह स्वामी के पुत्र शैलेन्दू शेखर पाठक को गिरफ्तार कर आज रविवार को जेल भेज दिया।
वहीं दूसरी तरफ गांव के लोगों का कहना था। हत्या में परिवार के लोगों का कोई हाथ नहीं है। वहीं पुलिस का कहना था हत्या के बाद शनिवार को मृतक की पत्नी गंगाजली देवी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज हुई। जिसमें उन्होंने शैलेन्दू शेखर पाठक पर शक जताया है। यह बात सुन पाठक परिवार के लोग उस महिला को भी थाने ले आए। उसने कहा मैंने भावना में बहकर ऐसा कह दिया था। इस परिवार का हत्या में कोई हाथ नहीं है। लेकिन, पुलिस का कहना था प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता है। आप लोग न्यायालय के समझ जाकर अपनी बात कहें। यह कहते हुए पुलिस ने पाठक को जेल भेज दिया।
सूत्रों ने बताया मृतक कुछ दिन पहले गांव गया था। वहां पत्नी को मांगने पर सिर्फ दो हजार दिए। लेकिन वह और रुपयों की मांग कर रही थी। पत्नी से उनका विवाद भी हुआ था। चौधरी के घर वालों का कहना था सेवानिवृत होने के बाद जो रुपये उन्हें मिले। परिवार वाले उसकी मांग करते थे। लेकिन, उन्होंने अपनी कमाई बैंक में रख छोड़ी थी। वे किसी को देना नहीं चाहते। ऐसा भी हो सकता है। उनके किसी अपने ने ही आक्रोश अथवा लोभ में ऐसा किया हो। पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए।