बक्सर खबर। कहते है मन चंगा तो कठौती में गंगा ।। कुछ ऐसा ही नजारा आज कल जिले के प्रसिद्ध धाम ब्रह्मेश्वर नाथ में देखने को मिल रहा है। ..जहाँ के लोगों ने स्वछता को आस्था से जोड़ते हुऐ बदलाव की एक नई मिसाल कायम की है। ब्रह्मपुर के स्थानीय लोगों ने मिलकर इस दार्शनिक स्थल की रूप रेखा बदल दी है। वैसे तो बाबा ब्रह्मेशवर नाथ मंदिर सदियों से आपनी धार्मिकता के लिऐ मशहूर है। पर आज कल ये अपनी स्वच्छता के लिऐ पहचान पा रहा है । इस बार के सावन मेले में प्रत्येक सोमवारी को यहाँ गंगा महाआरती करने का कार्यक्रम शुरू किया गया है।
गंगा समग्र अभियान ,गंगाआरती सेवा ट्रस्ट और बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में आरंभ हुऐ इस कार्यक्रम ने इस स्थान को नई पहचान देने लगा है। काशी के तर्ज पर यहाँ भी महा आरती का आयोजन किया जा रहा है.। सोमवार को भी यहाँ भवय आरती का आयोजन किया गया था। एक घंटे की संगीतमय आरती के कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने जम कर भक्ति के रस में गोते लगाऐ। कार्यक्रम कि जानकारी देते हुऐ गंगासमग्र दक्षिण बिहार के सह संयोजक शंभूनाथ पाण्डेय ने बताया कि ब्रह्मपुर के विकास में यह कार्यक्रम बहुत कारगर साबित होगा।
एक ओर जहाँ लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक होंगे वहीं धार्मिक आस्था भी प्रगाढ़ होगी। गंगाआरती के पुजारी अमरनाथ पाण्डेय, कपीलमुनि पाण्डेय, दुर्गंश पाण्डेय, कौशल किशोर पाण्डेय एवं अजय पाण्डेय ने आज की आरती की। इस दौरान पुरा शिवसागर सरोवर श्रद्धालुओं से भरा रहा..लोग आस्थामयी लहरों में गोता लगाते रहे। कार्यक्रम में स्थानीय अधिकारी ,व्यवसायी, नेता एवं समाजीक लोगों के साथ दूर-दराज से से आऐ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। कार्यक्रम का सफल संचालन गंगाआरती सेवा ट्रस्ट के कपीन्द्र किशोर के देख रेख में सम्पन्न हुआ। आरती के पश्चात श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान पुरा बाबा ब्रह्मेशवर नाथ परिसर बोलबम एवं हर हर गंगे के जयघोष से गुंजते रहा।
yeh sb bakwaash hai femus hone ke liye main bhi brahampur mandir ka panda hoon.mujhe kahi safai nhi dikhta.koi aakar jaanch kar le