-उनकी स्मृति में त्रिलोकेश्वर महादेव की हुई स्थापना
बक्सर खबर। वह अध्यात्मपूंज जो कभी नजरों के सामने हुआ करते थे। अब स्मृतियों में विराजमान हो गए हैं। हम बातें कर रहे हैं नाथ बाबा की। जिन्हें बक्सर के लोग इसी नाम से जानते थे। अपनी तपस्या के बाद उन्होंने सर्वाधिक समय इसी नगर में बिताया था। क्योंकि यह नगरी शिव का धाम भी रही है। आज से ठीक एक वर्ष पहले। चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि को त्रिलोकी नाथ जी उपाख्य नाथ बाबा ब्रह्मलीन हो गए थे। देव भूमि हरिद्वार में मां गंगा किनारे स्थित नाथ मंदिर में उन्होंने समाधी ली।
देखते-देखते एक वर्ष का समय गुजर गया। हालांकि पिछले वर्ष 18 अप्रैल की तारीख थी और आज 7 अप्रैल 2022 है। तिथि अनुरुप एक वर्ष पूरे होने पर हरिद्वार के उसी मंदिर में नाथ बाबा की प्रतिमा स्थापित की गई। गुरु के दर्शन के लिए उनके अनेक शिष्य पूरे भारत वर्ष से वहां समारोह में पहुंचे । उनके द्वारा स्थापित आदि नाथ अखाड़ा के वर्तमान नाथ बाबा शिलनाथ जी की मौजूदगी में विधिवत पूजा अर्चना की गई। मस्ता भिषेक, नव नाथ पूजा और जो विधियां होती हैं।
उनका अनुसरण किया गया। प्रतिमा के ठीक सामने जहां नाथ बाबा ने समाधी ली थी। उसके उपर स्फटिक से बने त्रिलोकेश्वर महादेव की स्थापना की गई। उस दृश्य को भी आप इस खबर में देख सकते हैं। इस पावन तिथि पर हरिद्वार पहुंचे नाथ संप्रदाय के संतों ने इस शिवलिंग को एक साथ मिल स्थापित किया। जिसका नाम नाथ बाबा के नाम पर त्रिलोकेश्वर महादेव रखा गया है। बक्सर के रहने वाले रामेश्वर राय जी से हमने आग्रह किया था। जिन्होंने पुण्यतिथि पर वहां की तस्वीरें हमारे साथ साक्षा की हैं।