बक्सर खबर। प्रशिक्षु दरोगा अजय कुमार की घर वापसी हो गई है। बुधवार को किला मैदान के पास से उसका अपहरण हो गया था। अपराधी तीन दिनों तक उसे गाड़ी में लेकर घूमते रहे। आज शनिवार को उसे सासाराम में ओवर ब्रिज के पास ले जाकर छोड़ा। अपराधियों के चंगुल से मुक्त होने के बाद उसने परिवार वालों को फोन से इसकी सूचना दी। परिवार के सदस्य और नगर थाने की टीम यहां से सासाराम उसे लेने गई। दोपहर बाद वह बक्सर पहुंचा। अजय ने यहां पुलिस को बताया कि तीन युवकों ने उसे जबरन स्कार्पियो गाड़ी में बैठा लिया। उनके पास पिस्तौल थी। इस लिए मैंने उनका विरोध नहीं किया। बाइपास रोड में जाने के बाद उन्होंने मेरी आंख पर पट्टी बांध दी। दो दिनों तक मुझे गाड़ी में रखा गया। मेरा फोन बंद था। उनके पास जब किसी का फोन आता तो गाड़ी रोक बाहर जाकर बात करते थे। उनकी क्या मंशा थी। यह मुझे ज्ञात नहीं हो सका।
इस बीच उन्होंने मुझे खाने के लिए कुछ नहीं दिया। मांगने पर पानी मिलता था। जिला मुख्यालय आने के बाद सबसे पहले उसे नगर थाना ले जाया गया। फिर वहां से डीएसपी आवास पर। पुलिस ने उससे पूछताछ की और फिर उसे घर जाने दिया गया। पुलिस के अधिकारियों का मानना है। यह स्टोरी में कुछ लोचा है। लेकिन, अजय की सकुशल वापसी से पुलिस और परिवार दोनों ने राहत की सांस ली है। पाठक यह जान लें कि अजय कुमार बक्सर जिले के ईटाढ़ी थाना अंतर्गत सिंघाबाद गांव निवासी राजनरायण सिंह यादव के पुत्र हैं। इसी वर्ष मार्च में उनका चयन सहायक अवर निरीक्षक के पद पर हुआ। बुधवार की सुबह जब वे घोबीघाट स्थित अपने घर से नगर थाना के लिए निकले। उसी वक्त से वे गायब थे। आज उनकी घर वापसी हुई है। उसके बाद से परिवार में खुशी का माहौल है।