शहनाई और संतूर की मधुर धुन पर झूमे श्रोता

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डुमरांव में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का भव्य आयोजन, संगीत महाविद्यालय की स्थापना को मिली स्वीकृति                                                              बक्सर खबर। डुमरांव स्थित राज प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में शुक्रवार को कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान शहनाई और संतूर की मनमोहक प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। महोत्सव में स्थानीय व राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने संगीत, नृत्य और कव्वाली की शानदार प्रस्तुतियां दीं। प्रभारी जिलाधिकारी ने घोषणा की कि डुमरांव में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय की स्थापना के लिए 14.52 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिससे संगीत प्रेमियों को उत्कृष्ट शिक्षा का अवसर मिलेगा।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी जिलाधिकारी कुमारी अनुपम सिंह, एसडीएम डुमरांव, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी तथा कलाकारों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। प्रभारी जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का जन्म डुमरांव में हुआ था। वे भारत के प्रख्यात शहनाई वादक थे और उन्होंने अपना जीवन संगीत के प्रति समर्पित किया। बनारस घराने की शैली में शहनाई वादन को नई ऊंचाई देने वाले उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए थे। वर्ष 2001 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान महोत्सव का शुभारंभ करते प्रभारी डीएम कुमारी अनुपम सिंह व अन्य

प्रभारी जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा जिले के प्रगति यात्रा के दौरान डुमरांव में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां संगीत महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई थी। इस परियोजना को रिकॉर्ड समय में स्वीकृति मिली है। संगीत महाविद्यालय के लिए कुल 14 करोड़ 52 लाख 15 हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। यह बिहार का पहला संगीत महाविद्यालय होगा, जिससे बिहार और अन्य राज्यों के युवाओं को संगीत क्षेत्र में सुनहरा अवसर मिलेगा। डुमरांव में शहनाई घराने की समृद्ध परंपरा आज भी जीवित है। इस महाविद्यालय की स्थापना से यह विरासत और समृद्ध होगी तथा इसकी ख्याति पूरे देश में फैलेगी।

महोत्सव में शामिल अधिकारी व अन्य श्रोता

स्थानीय कलाकारों जैसे सुमन कुमारी एवं समूह द्वारा स्वागत गीत, ओमकार दूबे द्वारा गजल गायन, कुमारी ज्योति, सुमन कुमारी, शौर्य कुमार, विनय मिश्रा, शिवपूर्णा मिश्रा, ऐश्वर्या मिश्रा, ब्रजेश कुमार चौबे, रंजीत कुमार, अमित कुमार द्वारा एकल गायन, रितम एवं रूपम दूबे, ड्यूट डांस, कुसुम कुमारी, नैना कुमारी, रितम द्वारा एकल डांस, प्रकाश एवं समूह द्वारा समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गई। महोत्सव में धीरज पाण्डेय एवं रागिनी भारती द्वारा गायन की प्रस्तुति, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की जीवनी पर लघु नाटक, भागलपुर सूफियाना ग्रुप द्वारा कवाली, सूफी संगीत की प्रस्तुति, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां घराना द्वारा शहनाई वादन की प्रस्तुति, श्यामा शैलजा झा द्वारा गजल की प्रस्तुति, कुमार चंद्रशेखर द्वारा संतूर वादन की प्रस्तुति, राकेश राज शानू एवं सतेंद्र संगीत द्वारा लोक गीत की प्रस्तुति दी गई।शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की जीवनी पर पुस्तक के लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने महोत्सव में अपने विचार साझा किए।

 

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