जो आपको पतन से बचाए वही धर्म है : जीयर स्वामी

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-रामावतार मर्यादा व कृष्णावतार कृपा का है परिचायक
बक्सर खबर। धर्म क्या है ? इसे लेकर बहुत से लोग सवाल करते हैं। धर्मं की शास़्त्रीय व्याख्या अनेक तरह से दी जाती है। जिसके लिए अध्ययन  करना होगा। आमजन के लिए अगर हम सरल भाषा में इसकी विवेचना करें तो उसका अर्थ होता है। जो हमे सहारा दे, गिरने से बचाए वही धर्मं है। गिरने से बचाए अर्थात आपको पतन के मार्ग पर जाने से रोके। अगर आप गलत कर रहे हैं तो वह आपको उस रास्ते जाने से रोकता है। ऐसा ही प्रश्न धर्म क्या है, उसका कार्य क्या है, भगवान के कितने अवतार हुए, कौन कौन से प्रमुख हैं ? सूत जी से ऋषियों ने पूछा था।

उन्होंने बताया भगवान के 1008 प्रमुख अवतार हैं। हर युग में उनके अलग-अलग अवतार है। वर्तमान में कलयुग चल रहा है। जिसकी आयु शास्त्रों के अनुसार 4 लाख 32 हजार वर्ष है। इसमें से 6000 वर्ष अभी गुजरे हैं। इस युग में भगवान का अवतार होना है। लेकिन उसमें अभी लंबा समय है। इससे पहले तीन युग में भगवान के 24 अवतार हुए हैं। जिनमें से 10 प्रधान हैं। दस में चार विशेष अवतार हैं। वामन अवतार, नरसिम्हा अवतार, रामावतार व कृष्णावतार। इनमें से दो बहुत ही खास हैं। रामावतार व कृष्ण अवतार। प्रभु राम का अवतार न्याय का अवतार है मर्यादा का अवतार है। उन्होंने धर्म और न्याय के आगे किसी को नहीं बख्शा चाहे भाई हो अथवा पत्नी। इसी लिए भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्त्म कहा जाता है।

29 जून को चातुर्मास के दौरान ली गई जीयर स्वामी जी की तस्वीर

लेकिन भगवान कृष्ण का अवतार कृपा का अवतार है। भगवान कृष्ण को जो मिला उन्होंने उसपर कृपा की। सभी मानदंडों को तोड़ दिया। इस लिए उन्हें कृपा अवतार भी कहा जाता है। उदाहरण के लिए हम आपको बता दें। कहीं धर्मार्थ भोजन कराया जा रहा हो। अथवा प्याउ चलाया जा रहा हो। अगर आपके सामने कोई भी व्यक्ति आकर खड़ा हो जाए तो ऐसी स्थिति में आप क्या कहेंगे। आप हमारे यहां के नहीं रहने वाले हैं। आप भूखे नहीं प्रतीत हो रहे, आप को भोजन अथवा जल नहीं दिया जाएगा। ऐसी अवस्था में जब आपके सामने कोई आता है तो उसकी सेवा करनी होती है। उसी तरह भगवान कृष्ण के समय सिर्फ और सिर्फ कृपा बरसती थी। उक्त बातें बुधवार को प्रवचन के दौरान भारतवर्ष के महान मनीषी संत पूज्य लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने बलिया चातुर्मास के दौरान कहीं। पाठकों को हम बता दें पूज्य स्वामी जी महाराज का चतुर्मास व्रत उत्तर प्रदेश के बोलियां जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर जनेश्वर सेतु के एप्रोच मार्ग के समीप चल रहा है। जो लगातार 4 महीने तक चलेगा। विजयादशमी के दौरान लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के साथ चातुर्मास व्रत संपन्न होगा। यहीं प्रतिदिन संध्या बेला में छह बजे कथा हो रही है ।

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