बक्सर खबर। माउथ मीडिया
आज एक नंबर से बार-बार फोन आ रहा था। मैंने फोन उठाया तो उधर से आवाज आई। हम बोल रहे हैं गुरु बतकुच्चन। उनकी आवाज सुन मुझे याद आया। शुक्रवार है बतकुच्चन गुरु से मिलने का दिन था आज। मैंने कहा सलाम मियां। मेरे अल्फाज सुन वे बोले अरे गुरु हम जमाने बदे मियां होंगे तोरे लिए तो हम भाई के समान हैं। मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ। उनसे माफी मांगने की सोच ही रहा था। तभी उनकी आवाज आई। आज दिन भर दिखे ना ही तुम शहर में।
मैंने उनको बताया पिता जी को लेकर पिछले कुछ दिनों से बनारस आया हूं। उनकी तबीयत कुछ नासाज है। बतकुच्चन गुरु बोले यार हम्मे बताए नहीं। कवनो दिक्कत हो तो बताया हमें। मैंने पूछा… और कहिए शहर का क्या हाल है? इतना कहर मैंने तो जैसे उनको बोलने का मौका दे दिया। शुरु हुए तो बखिया उधेड़ दी। अरे आजकल देश में बंदी का मौसम चल रहा है। कवनो नोट बंदी किया, कुछ दिन पहले एसएसटी और आरक्षण के नाम पर भारत बंद किया रहा। ओकरे कुछ दिन बाद आरक्षण हटावे ला सब बंद किए रहे। ई दिल्ली वाली हवा अब हमरे शहर में भी पहुंच गवा रही।
यहां भी सब शहर बंद किए रहे। लेकिन कुछ एडवांस तरीका से। दस से चार जैसे कवनों आफिस बंद हुआ रहा हो। बंद करावे वालन सब नारा लगा रहे थे। पुलिस अपराधी में मेल है, हत्या लूट का चल रहा खेल है। तब हमारा पता लगा कुछ नेतवन सब बंदी कराए हैं। हम बोले अच्छा किए जौन तू लोग बंदी करा दिए रहे। दुपहरिया में सब दुकानदार झूठे धूपा में मरत हउन सारे। लेकिन गुरु बंदी बड़ा अच्छा चीज हौ। अब देखा गंगा जी पर बना पुल कमजोर हौ। प्रशासन ओकरा बंद करा दिया रहा। भारी वाहन बंद, छोटे वाहन चालू। कुछ साल पहले बिहार सरकार दारू बंद करा दिया रही। खूब वाह-वाही हुई रही। लेकिन ससुरी ई दारू पूरी तरह बंद हुआ नहीं रही। ए शहर में पंडित से ले के पाल तक, सिंह से लेके ग्वाल तक सब दारू बेच व पी रहे हैं। आज जौन बंदी हुआ रही ओम्मन बहुते मनई ऐसन दिखे रहे जौन दारुबाज हैं।