-नियम तोडऩे वालों को समझाने में बर्बाद हो रहा है सिस्टम का समय
बक्सर खबर। कोविड को वैश्विक आपदा घोषित किया गया है। यह पढ़े-लिखे लोग जानते हैं। बावजूद इसके उनकी लापरवाही देश के लिए खतरा बन गई है। अपने जिले में भी हालात अच्छे नहीं है। संक्रमित मिलने वालों का आंकड़ा पिछले दो सप्ताह से 100 के नीचे नहीं आया। डीएम और एसपी अस्पताल का जायजा लेने जाते थे।
लेकिन, फिलहाल स्थित यह है कि उन्हें दुकानें बंद कराने और गाइड लाइन का पालन करवाने के लिए जिले की दौड़ लगानी पड़ रही है। अगर लोग नियमों का पालन करते। तो प्रशासन के वही अधिकारी अस्पतालों और आवश्यक संसाधनों को जुटाने में अपना समय लगाते। लेकिन, उनका कीमती समय, नियम तोडऩे वालों को समझाने में जा रहा है। वे ऐसा करने को मजबूर हैं।
क्योंकि आप अस्पताल में कितना भी संसाधन जुटा लें। अगर बाहर से मरीज आते रहेंगे तो समस्या बनी ही रहेगी। मजबूर होकर उन्हें प्रखंड, गांव व छोटे बाजारों में दौड़ लगानी पड़ रही है। नहीं तो रामरेखा घाट पर पुलिस को डंडा नहीं भांजना पड़ता, इटाढ़ी के बाजार में डीएम को खड़ा हो बीडीओ को नहीं समझाना पड़ता। अगर आज हालात चिंताजनक हैं तो इसके लिए सरकार और सिस्टम ही नहीं आप भी उतने ही जिम्मेवार हैं।