-बंदियों का शव भी घर तक पहुंचाने का इंतजाम नहीं
बक्सर खबर। जिंदगी किसी मोड़ पर लाकर छोड़ती है। कहना मुश्किल है। महिला कारा की बंदी विद्यावती देवी की बुधवार को मौत हो गई। उनका उपचार सदर अस्पताल में चल रहा था। जेल प्रबंधन ने शव पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। लेकिन, शव उनके गांव तरवारा जिला सिवान कैसे जाएगा। यह सवाल सबके सामने खड़ा हो गया। जबकि उनकी बेटी नीतू व बेटा नीतीश दोनों अस्पताल पहुंच चुके थे। उनका कहना था, मां का शव गांव तक ले जाने का उनके पास सामर्थ्य नहीं है। जेल प्रशासन मदद के नाम पर पल्ला झाड़ रहा है। परिवार वाले इसकी वजह से परेशान थे।
मीडिया के लोगों से उनकी बात हुई तो वे दुखी होकर बोले। मां बीमार थी, लेकिन हमें इसकी सूचना भी नहीं दी गई। वह तो भला हो उस गार्ड का। जिसने दो दिन पहले हमें फोन पर सूचना दी। वह भी मां की हालत बेहद खराब हो जाने के बाद। हम पहुंचे उनकी हालत देख परेशान हो गए। डॉक्टर हमारी सुन नहीं रहे थे। अगले दिन उन्होंने दम तोड़ दिया। पूछने पर यह भी पता चला कि हत्या के एक मामले में उन्हें वर्ष 2015 में सजा हुई थी। पिता रामप्रवेश सिंह और मां दोनों के खिलाफ केस हुआ था। पिता मोतिहारी जेल में बंद हैं। लेकिन, मां उस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकी। कुछ माह पहले ही उसे बक्सर की महिला जेल ट्रांसफर किया गया था। आज वह हमारा साथ छोड़कर चली गई। वहां मौजूद जेल के लोगों से जब इस बारे में पूछा गया तो चुप्पी साधे रहे।